प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार ने न सिर्फ 26 लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर बैन लगाकर उनकी आवाज दबाने की कोशिश की है, बल्कि देश में फैले भ्रष्टाचार को भी नजरअंदाज किया जा रहा है।