बीईएमएल ने बताया कि इन वाहनों का निर्माण मुख्य रूप से पालक्काड़ और मैसूर स्थित संयंत्रों में किया जाएगा। साथ ही, आवश्यकता और संचालनिक सुविधाओं के अनुसार अन्य इकाइयों में भी निर्माण किया जा सकता है।