एक कार्यक्रम में उन्होंने साफ कहा कि सिर्फ “विचार की शुद्धता” से न तो देश चलता है और न ही चुनाव जीते जा सकते हैं। राजनीति में जीत के लिए अलग-अलग सोच वाले लोगों के साथ मिलकर काम करना जरूरी है।