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'मुंबई में मराठी मानुष के लिए 20 प्रतिशत घर आरक्षित हो...', उद्धव गुट ने की महाराष्ट्र सरकार से बड़ी मांग

मुंबई। महाराष्ट्र में भाषा विवाद अब नया रूख लेता नजर आ रहा है। अब मराठी भाषी लोगों के लिए अलग से आरक्षण की मांग की जा रही है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधायकों ने महाराष्ट्र सरकार से मांग की कि मुंबई की इमारतों में मराठी भाषी लोगों के लिए 20 प्रतिशत मकानों को आरक्षित किया जाए। विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे और पार्टी नेता मिलिंद नार्वेकर ने इस संबंध में एक पत्र शिवसेना शिंदे गुट के मंत्री शंभूराज देसाई को सौंपा। जिसके बाद विपक्ष ने सरकार पर मराठी मानुष को लेकर दोहरापन दिखाने का आरोप लगाया है।
मराठी मानुष के लिए 20% आरक्षण
बता दें कि मिलिंद नार्वेकर ने एक्स पर इस पत्र को शेयर किया है। उन्होंने पोस्ट करते हुए कहा, "हम मांग करते हैं कि हर बिल्डिंग में मुंबई में मराठी मानुष के लिए 20 प्रतिशत घर आरक्षित किए जाएं।" साथ ही साथ इसके पहले विधान परिषद में भी उन्होंने पूछा था कि क्या किसी सामाजिक संगठन ने मराठी लोगों के लिए 50 प्रतिशत घर आरक्षित करने की मांग की थी, और क्या सरकार ने इस पर कोई निर्णय लिया है। इस पर जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री और आवास मंत्री एकनाथ शिंदे ने लिखित उत्तर में बताया कि उनके विभाग को इस संबंध में कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।
शंभूराज देसाई ने कसा तंज
वहीं उनकी ओर से प्रतिनिधित्व कर रहे खनन मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा कि जब 2019 से 2022 तक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महा विकास आघाड़ी सरकार सत्ता में थी, तब भी इस तरह का कोई कानून नहीं लाया गया था। देसाई ने कटाक्ष करते हुए कहा, "आपने उस समय यह कदम नहीं उठाया था, और यह अब रिकॉर्ड पर है। आपकी मराठी मानुष के प्रति प्रेम की भावना नकली और खोखली है।" इस राजनीतिक बहस ने मराठी अस्मिता और मुंबई में स्थानीय लोगों के अधिकारों को लेकर एक बार फिर चर्चा को तेज कर दिया है।