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देशभर में SIR प्रक्रिया शुरू करने को तैयार चुनाव आयोग, पहले चरण में 10 राज्य शामिल

DeskNoida
27 Oct 2025 1:00 AM IST
देशभर में SIR प्रक्रिया शुरू करने को तैयार चुनाव आयोग, पहले चरण में 10 राज्य शामिल
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सूत्रों के अनुसार, आयोग सोमवार को इस प्रक्रिया की औपचारिक घोषणा करेगा। पहले चरण में लगभग 10 राज्य शामिल किए जाएंगे, जिनमें पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी प्रमुख हैं।

चुनाव आयोग देशभर में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान की शुरुआत करने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, आयोग सोमवार को इस प्रक्रिया की औपचारिक घोषणा करेगा। पहले चरण में लगभग 10 राज्य शामिल किए जाएंगे, जिनमें पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी प्रमुख हैं।

तीन दिन पहले दिल्ली में हुई बैठक में चुनाव आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO) के साथ चर्चा की थी। इस बैठक में बिहार में लागू SIR प्रक्रिया के अनुभवों पर विचार-विमर्श हुआ और इसे अधिक प्रभावी और सुगम बनाने पर सहमति बनी।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बिहार में SIR प्रक्रिया 24 जून से 30 सितंबर तक चली थी, यानी लगभग चार महीने तक यह अभियान जारी रहा। हालांकि, अब आयोग इस अवधि को छोटा करने की दिशा में काम कर रहा है ताकि प्रक्रिया तेजी से पूरी की जा सके।

चुनाव आयोग ने सभी राज्यों को पहले ही निर्देश जारी कर दिए हैं कि वे पुरानी और नई मतदाता सूचियों का तुलनात्मक विश्लेषण शुरू कर दें। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सत्यापन प्रक्रिया में कोई देरी न हो। बिहार में SIR को लेकर विपक्ष की नाराजगी के बाद आयोग ने यह कदम उठाया है।

बिहार में SIR प्रक्रिया के दौरान करीब 66,000 नाम मतदाता सूची से हटाए गए थे, जिन्हें आयोग ने मृत्यु, डुप्लिकेट नाम या प्रवास के कारण अमान्य बताया। विपक्ष ने इस कार्रवाई को मताधिकार से वंचित करने की साजिश बताते हुए गरीब और अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाने का आरोप लगाया था।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर चुनाव आयोग और सत्तारूढ़ भाजपा पर मिलीभगत के आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि SIR अभियान सत्ता पक्ष को चुनावी लाभ देने की एक रणनीति है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि आधार को वैध पहचान पत्र के रूप में मान्यता दी जाए और “सामूहिक बहिष्कार” के बजाय “सामूहिक समावेश” पर ध्यान दिया जाए।

अब चुनाव आयोग के सोमवार को आधिकारिक घोषणा करने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि पहले चरण में कौन से राज्य औपचारिक रूप से इस प्रक्रिया में शामिल होंगे।

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