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सरकार ने NPS नियमों में किए बड़े बदलाव, निवेशकों को मिलेगी ज्यादा आज़ादी; ऐसे पड़ेगा असर

DeskNoida
17 Dec 2025 3:00 AM IST
सरकार ने NPS नियमों में किए बड़े बदलाव, निवेशकों को मिलेगी ज्यादा आज़ादी; ऐसे पड़ेगा असर
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इन नए नियमों के लागू होने के बाद नॉन-गवर्नमेंट NPS सब्सक्राइबर्स को रिटायरमेंट के समय अपने पैसे के इस्तेमाल को लेकर पहले से कहीं ज्यादा स्वतंत्रता मिलेगी।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में निवेश करने वाले करोड़ों लोगों के लिए सरकार ने बड़ा बदलाव किया है। केंद्र सरकार और पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने NPS संशोधन विनियम, 2025 को अधिसूचित कर दिया है। इन नए नियमों के लागू होने के बाद नॉन-गवर्नमेंट NPS सब्सक्राइबर्स को रिटायरमेंट के समय अपने पैसे के इस्तेमाल को लेकर पहले से कहीं ज्यादा स्वतंत्रता मिलेगी।

अब तक NPS के तहत गैर-सरकारी निवेशकों को रिटायरमेंट पर अपने कुल पेंशन फंड का कम से कम 40 प्रतिशत हिस्सा एन्युटी (पेंशन योजना) में लगाना अनिवार्य था। यानी उस रकम से मासिक पेंशन खरीदनी पड़ती थी और शेष 60 प्रतिशत राशि ही एकमुश्त निकाली जा सकती थी। लेकिन नए नियमों के तहत इस अनिवार्यता को घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। इसका सीधा मतलब है कि अब निवेशक अपने कुल पेंशन फंड का 80 प्रतिशत तक हिस्सा एकमुश्त निकाल सकते हैं।

यह संशोधित नियम ऑल सिटीजन मॉडल और कॉरपोरेट NPS के अंतर्गत आने वाले सभी नॉन-गवर्नमेंट सब्सक्राइबर्स पर लागू होगा। सरकार का मानना है कि इससे रिटायरमेंट के बाद निवेशकों को अपनी जरूरतों और योजनाओं के अनुसार धन का बेहतर उपयोग करने की सुविधा मिलेगी।

नए नियमों के अनुसार, अब न्यूनतम 20 प्रतिशत राशि से एन्युटी खरीदना जरूरी होगा। यह एन्युटी निवेशकों को नियमित मासिक पेंशन प्रदान करती रहेगी, जिससे रिटायरमेंट के बाद स्थायी आय बनी रहे। वहीं, शेष अधिकतम 80 प्रतिशत राशि को निवेशक चाहें तो एकमुश्त निकाल सकते हैं या फिर सिस्टमेटिक यूनिट विदड्रॉल (SUR) जैसे विकल्पों के जरिए धीरे-धीरे निकाल सकते हैं। यह सुविधा न केवल 60 वर्ष की आयु में सामान्य रिटायरमेंट पर लागू होगी, बल्कि 60 से 85 वर्ष की उम्र के बीच होने वाले एग्जिट मामलों में भी मान्य रहेगी।

संशोधित नियमों में पेंशन फंड की राशि के आधार पर अलग-अलग विकल्प भी तय किए गए हैं। अगर किसी NPS सब्सक्राइबर का कुल पेंशन कोष 8 लाख रुपये तक है, तो वह पूरी 100 प्रतिशत राशि एकमुश्त निकाल सकता है। हालांकि, उसे यह विकल्प भी दिया गया है कि वह चाहें तो कम से कम 20 प्रतिशत राशि से एन्युटी खरीदकर बाकी रकम निकाल सके।

जिन निवेशकों का कुल पेंशन फंड 8 लाख रुपये से अधिक लेकिन 12 लाख रुपये से कम है, वे अधिकतम 6 लाख रुपये तक एकमुश्त निकाल सकते हैं। शेष राशि को उन्हें या तो एन्युटी में लगाना होगा या फिर कम से कम छह वर्षों के लिए सिस्टमेटिक यूनिट रिडेम्पशन के विकल्प में निवेश करना होगा।

वहीं, जिन सब्सक्राइबर्स का कुल पेंशन फंड 12 लाख रुपये से अधिक है, उनके लिए कम से कम 20 प्रतिशत राशि से एन्युटी खरीदना अनिवार्य होगा। इसके अलावा बची हुई 80 प्रतिशत तक की राशि वे एकमुश्त निकाल सकते हैं या चरणबद्ध तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं।

विशेषज्ञों के मुताबिक, ये बदलाव NPS को और अधिक लचीला और निवेशकों के अनुकूल बनाएंगे। इससे उन लोगों को खास राहत मिलेगी, जिन्हें रिटायरमेंट के समय बड़ी राशि की जरूरत होती है, जैसे घर खरीदना, बच्चों की शादी या मेडिकल खर्च। हालांकि, विशेषज्ञ यह भी सलाह दे रहे हैं कि निवेशक एन्युटी को पूरी तरह नजरअंदाज न करें, क्योंकि नियमित पेंशन रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा का मजबूत आधार बनती है।

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