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कश्मीर में आतंकी नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई, सात जिलों में जमात-ए-इस्लामी के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी

कश्मीर में आतंकवाद के वित्त पोषण और संगठनात्मक ढांचे को ध्वस्त करने के तहत सुरक्षा एजेंसियों ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) के खिलाफ बुधवार को श्रीनगर, अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां, कुलगाम, बडगाम और कुपवाड़ा जिलों में ताबड़तोड़ छापेमारी की गई। अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान उन खुफिया इनपुट्स के आधार पर चलाया गया, जिनमें जेईआई के कुछ सदस्यों की राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता की पुष्टि हुई थी।
इस अभियान का मकसद आतंकवाद से जुड़े नेटवर्क को जड़ से खत्म करना और उन लोगों पर नकेल कसना है, जो छिपकर ऐसे संगठनों की मदद कर रहे हैं। छापेमारी के दौरान विभिन्न आवासों, कारोबारिक इकाइयों और शैक्षणिक संस्थानों से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, संदिग्ध दस्तावेज और साहित्य बरामद किया गया है। सभी सामग्री को जांच एजेंसियां अब गहन परीक्षण के लिए अपने कब्जे में ले चुकी हैं।
श्रीनगर और आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान
छापेमारी की सबसे अधिक गतिविधि श्रीनगर में देखी गई, जहां पुलिस ने जमात-ए-इस्लाम से जुड़े सहयोगियों के आवासीय परिसरों और उनके कारोबारी प्रतिष्ठानों की तलाशी ली। यह कार्रवाई उन लोगों पर केंद्रित थी, जिनके बारे में पुलिस को जानकारी मिली थी कि वे संगठन की गतिविधियों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आगे बढ़ाने में भूमिका निभा रहे हैं।
तलाशी के दौरान कुछ ठिकानों से ऐसे दस्तावेज भी मिले हैं, जो संगठन के वित्तीय लेन-देन और विचारधारा के प्रसार से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। सुरक्षा बलों को उम्मीद है कि इन साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई और गिरफ्तारी की संभावनाएं भी बन सकती हैं।
शैक्षणिक और धार्मिक संस्थानों पर भी छापेमारी
जमात-ए-इस्लामी की विचारधारा का प्रसार करने वाले कुछ संस्थानों को भी इस कार्रवाई में शामिल किया गया। सौरा, नौगाम और बाग-ए-नंद सिंह इलाकों में स्थित शैक्षणिक और धार्मिक संस्थानों की तलाशी से ऐसे संकेत मिले हैं कि इन केंद्रों का इस्तेमाल संगठनात्मक गतिविधियों और प्रचार सामग्री के वितरण के लिए किया जा रहा था।
इसी तरह मैसूमा क्षेत्र में स्थित कुछ प्रकाशन केंद्रों और बुक स्टोर्स पर भी छापेमारी की गई, जहां कथित रूप से जेईआई समर्थित साहित्य उपलब्ध था। अधिकारियों ने बताया कि इन संस्थानों की भूमिका की पुष्टि होने पर इनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कुपवाड़ा में भी सक्रियता, संदिग्ध गतिविधियों की जांच तेज
उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में हंदवाड़ा क्षेत्र में स्थित एक इस्लामिक संस्थान पर भी तलाशी ली गई। प्रारंभिक जांच में ऐसे संकेत मिले हैं कि यहां जेईआई से जुड़ी गतिविधियां संचालित की जा रही थीं। अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई सिर्फ एक तलाशी अभियान नहीं, बल्कि आतंक समर्थक ढांचे को समाप्त करने की एक संगठित और लंबे समय तक चलने वाली रणनीति का हिस्सा है।
सरकार का कठोर संदेश
केंद्र और राज्य प्रशासन लगातार यह स्पष्ट कर चुका है कि कश्मीर में किसी भी संगठन या व्यक्ति को राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने या उन्हें बढ़ावा देने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालिया छापेमारी इसी नीति की अगली कड़ी है, जो दर्शाती है कि सुरक्षा एजेंसियां अब सीधे उन स्रोतों पर प्रहार कर रही हैं, जहां से आतंकवाद को वैचारिक या आर्थिक समर्थन मिलता है।
यह कार्रवाई कश्मीर में आतंकवाद की कमर तोड़ने के प्रयासों को मजबूती देती है और आने वाले समय में ऐसे और कदमों की संभावना भी जताई जा रही है। अधिकारियों का मानना है कि इस तरह की पहलें क्षेत्र में स्थायी शांति और स्थिरता स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।




