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हाईकोर्ट से अब्बास अंसारी समेत पांच को राहत, गैंगस्टर एक्ट की एफआईआर रद्द

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में अब्बास अंसारी, नवनीत सचान, शाहबाज आलम और फिरोज खान के खिलाफ दर्ज गैंगस्टर एक्ट की एफआईआर को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में जारी गैर-जमानती वारंट को भी निरस्त कर दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और मदन पाल सिंह की खंडपीठ ने सुनाया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डी.एस. मिश्र और अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय, अभिषेक मिश्र व चंद्रकेश मिश्र ने दलील दी थी कि गैंग चार्ट तैयार करने में नियमों की अनदेखी हुई है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में केवल औपचारिकता निभाई गई और अपराध का विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया गया। कोर्ट ने भी इसे स्वीकार करते हुए कहा कि गैंग चार्ट की कार्यवाही दूषित है, इसलिए एफआईआर को रद्द किया जाता है।
क्या था मामला?
गैंगस्टर एक्ट की एफआईआर चित्रकूट के कर्वी कोतवाली में दर्ज की गई थी। इसमें आरोप था कि जेल में बंद गैंग लीडर अब्बास अंसारी से उसकी पत्नी निकहत बानो ने 10 फरवरी 2023 को अवैध रूप से लंबी मुलाकात की। जांच में जेल बैरक से मोबाइल फोन, ज्वेलरी और विदेशी मुद्रा (12 सऊदी रियाल) बरामद की गई थी। इसके बाद अब्बास को चित्रकूट से नैनी जेल और फिर कासगंज जेल भेजा गया था।
सरकार का कहना था कि नवनीत सचान जेल अधिकारियों को पैसे भेजता था और पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त बैठक के बाद ही 29 अगस्त 2024 को गैंग चार्ट अनुमोदित किया गया था। लेकिन कोर्ट ने पाया कि प्रक्रिया में नियम 5(3) ए का पालन नहीं किया गया और अपराध का स्पष्ट विवरण नहीं दिया गया, इसलिए कार्रवाई अवैध है।
इस प्रकार, हाईकोर्ट ने 31 अगस्त 2024 की एफआईआर को रद्द करते हुए पांचों को राहत दी।