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SIR: सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल ने रखा नया मुद्दा! कहा- शिक्षकों को BLO बनाना अनुचित...मनोज झा ने उठाया यह सवाल

नई दिल्ली। वोटर लिस्ट के मामले में SIR पर याचिकाकर्ता आरजेडी सांसद मनोज झा ने सवाल खड़ा किया है। उनका कहना है कि यह प्रक्रिया व्यवहारिक रूप से सही नहीं है। दरअसल इस प्रक्रिया के तहत व्यक्ति को अपना बर्थ सर्टिफिकेट या कोई ऐसा दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा, जिससे साबित हो सके कि उनके माता-पिता में से कोई भी एक भारतीय हैं। बता दें कि सांसद मनोज झा ने पूछा है कि यदि किसी वोटर के पिता ने 2003 के चुनाव में वोट नहीं दिया होगा अथवा उनकी मृत्यु पहले ही हो गई हो तो नागरिकता का पता कैसे चलेगा।
याचिकाकर्ता मनोज झा की ओर से कोर्ट में पेश हुए कपिल सिब्बल
दरअसल इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ के सामने याचिकाकर्ता मनोज झा की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल पेश हुए। उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए BLO की शक्तियों के दायरे पर भी सवाल पूछे। उन्होंने कोर्ट में कहा कि क्या बीएलओ यह तय कर सकता है कि कोई व्यक्ति मानसिक रूप से विकलांग है या नहीं। BLO क्या यह तय कर सकता है कि कोई वोटर भारतीय नागरिक है या नहीं।
नागरिकता निर्धारित करने के लिए शिक्षक को बीएलओ के रूप में तैनात करना अनुचित
जानकारी के अनुसार कपिल सिब्बल ने कहा कि कोई वोटर भारतीय नागरिक है या नहीं, यह तय करना बीएलओ के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है, क्योंकि जिन बीएलओ को नियुक्त किया गए है, वो केवल शिक्षक हैं। कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि नागरिकता निर्धारित करने के लिए एक स्कूल शिक्षक को बीएलओ के रूप में तैनात करना मूल रूप से खतरनाक और अनुचित प्रस्ताव है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि गणनाकर्ता वोटर से पूछेगा कि मुझे बताइए आपके पिता का जन्म कब हुआ? मुझे इसका सबूत दीजिए, मैं इसका प्रमाण कैसे दे पाऊंगा?
आपके पिता का नाम सूची में नहीं है और आपने भी इस पर काम नहीं किया
इस मामले पर मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा कि लेकिन अगर आपके पिता का नाम इस सूची में नहीं है और आपने भी इस पर काम नहीं किया, तो शायद आप भूल गए हैं। कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर अब 2 दिसंबर को सुनवाई होगी।




