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हैंड फुट माउथ सिंड्रोम वायरस का खतरा बढ़ा, दिल्ली एनसीआर और यूपी के बच्चे आए चपेट में..., जानें क्या रखी जाए सावधानी

नई दिल्ली। इन दिनों दिल्ली एनसीआर और उत्तरप्रदेश के कई जिलों में बच्चों में हैंड फुट माउथ सिंड्रोम तेजी से फैल रहा है। HFMS वायरस चिंता का विषय बन चुका है। अब तक 50 से अधिक बच्चे इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। चिकित्सकों के अनुसार यह संक्रमण बच्चों को करीब 15 दिनों तक परेशान करता है। इस वायरस से हाथ, पैर और मुंह में छाले पड़ जाते हैं।
10 साल तक छोटे बच्चों पर अधिक प्रभाव
यह वायरस मुख्य रूप से 10 साल तक के छोटे बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है। इसकी शुरुआती लक्षण हल्का बुखार, गले में खराश और कमजोरी महसूस होना है। इस वायरस से संक्रमित होने के बाद हाथों की हथेलियों, पैरों के तलवों और मुंह के भीतर छोटे-छोटे लाल दाने व छाले हो जाते हैं। इन छालों की वजह से बच्चों का खाना-पीना कठिन हो जाता है। कुछ बच्चों में खुजली और दर्द की शिकायत भी पाई गई है।
त्वचा रोग विशेषज्ञों की राय
त्वचा रोग विशेषज्ञों के मुताबिक यह बीमारी साधारणतया 15 दिन में ठीक हो जाती है, लेकिन इस बीच बच्चों को आराम, पौष्टिक भोजन एवं स्वच्छता की जरूरत होती है। विशेषज्ञों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अभिभावक बच्चों को इस दौरान दूसरे बच्चों के संपर्क में न आने दें, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा टल सके।
स्वच्छता का ख्याल रखना आवश्यक
विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि साफ-सफाई पर ध्यान देना जरूरी है। बच्चों को बार-बार हाथ धोने की आदत डाली जाए।
संक्रमित बच्चे को अलग कमरे में रखें। संक्रमित बच्चे के कपड़े, बर्तन, तौलिये आदि का इस्तेमाल नहीं करें।