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VARANASI: कैंट स्टेशन से सीधे काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंच सकेंगे केवल 16 मिनट में ! रोप-वे कार सर्विस इस माह तक शुरू होगा...

Aryan
10 Dec 2025 11:14 AM IST
VARANASI: कैंट स्टेशन से सीधे काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंच सकेंगे केवल 16 मिनट में ! रोप-वे कार सर्विस इस माह तक शुरू होगा...
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वाराणसी की संकरी गलियां और घनी आबादी के कारण यहां मेट्रो या बड़ा फ्लाईओवर बनाना संभव नहीं था। इसलिए प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत रोप-वे को सबसे बेहतर और सुरक्षित विकल्प चुना गया।

वाराणसी। बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी में श्रद्धालुओं को अतिशीघ्र दुनिया की सबसे आधुनिक सुविधा मिलने जा रही है। दरअसल वाराणसी रेलवे स्टेशन, कैंट से सीधे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तक देश का पहला अर्बन रोप-वे मई 2026 तक पूरी तरह चालू हो जाएगा। इस रोप-वे से 4 किलोमीटर का पूरी यात्रा केवल 16 मिनट में पूरा हो जाएगी।

एक केबिन में 10 लोग बैठ सकेंगे

800 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस रोप-वे में कुल 5 स्टेशन होंगे। एक केबिन में 10 लोग बैठ सकेंगे और कुल 148 गंडोले चलेंगी। प्रति घंटे 6-8 हजार और पूरे दिन में लगभग 1 लाख श्रद्धालु इस रोप-वे से यात्रा कर सकेंगे। टिकट की संभावित कीमत 50 से 100 रुपये रखी जाएगी।

संकरी गलियों के कारण रोप-वे का चुना गया विक्लप

वाराणसी की संकरी गलियां और घनी आबादी के कारण यहां मेट्रो या बड़ा फ्लाईओवर बनाना संभव नहीं था। इसलिए प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत रोप-वे को सबसे बेहतर और सुरक्षित विकल्प चुना गया।

श्रद्धालुओं की संख्या में हुई वृद्धि

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद बाबा के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद बढ़ने लगी है। पहले रोजाना सिर्फ 5 हजार श्रद्धालु आते थे, अब रोजाना औसतन 2 लाख से अधिक लोग पहुंच रहे हैं। 2024 में कुल 6.5 करोड़ श्रद्धालु आए और 2025 में अब तक 7 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।

60 हजार करोड़ का मेगा प्लान

वाराणसी को विश्वस्तरीय शहर बनाने के लिए कुल 60 हजार करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं, जिनमें से 40 हजार करोड़ के काम पूरे हो चुके हैं। गंगा में ड्रेजिंग पूरी, 8 कम्युनिटी जेटी बन चुके हैं और अब 2,000 से ज्यादा नावें चल रही हैं। शहर के प्रमुख रूटों पर इलेक्ट्रिक बसें भी दौड़ने लगी हैं।

बाबा विश्वनाथ के दर्शन में हुई सहूलियत

रोप-वे शुरू होने के बाद से श्रद्धालु ट्रेन से उतरकर सीधे गंडोला यानी केबिन में बैठेंगे और बिना जाम-भीड़ के बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकेंगे। यह सफर बेहद आसान और अनोखा अनुभव देने वाला होगा।

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