दीक्षांत समारोह में अभिनेता आशुतोष राणा ने सिद्धार्थ विहार के अभिषेक सिंह को शोध प्रबंध के लिए किया सम्मानित

Update: 2025-08-12 10:56 GMT

मथुरा। कोविड -19 की वैश्विक महामारी में सामाजिक कार्यों में अपने दायित्वों को पूरी जिम्मेदारी से पूरा करने, सिद्धार्थ विहार में 50 शय्या का सामुदायिक आइसोलेशन सेंटर स्थापित करने और स्वयं कोविड -19 संक्रमित होने के बाद अन्य को प्लाज़्मा देने आदि के कार्यों के लिए गाजियाबाद के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने गाजियाबाद के गंगा यमुना हिंडन अपार्टमेंट के निवासी अभिषेक सिंह को उनके अनूठे प्रयास के लिए सम्मानित किया है।

कोरोना काल की इस विभीषिका और कठिन समय में सामाजिक कार्यों की उपयोगिता को और भी व्यापक एवं व्यावहारिक रूप से समझने के लिए अभिषेक सिंह संस्कृति विश्वविद्यालय मथुरा से प्रबंधन संकाय में कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी विषय पर अपनी पी. एच. डी. प्रारंभ की और इस वर्ष सफलतापूर्वक अपनी पी. एच. डी. पूर्ण की।

थीसिस पदक से किया पुरस्कृत

विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कुलपति प्रोफेसर(डॉ.) एम. बी .चैती एवं मुख्य अतिथि अनंत विभूषित जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी सतीशाचार्य एवं विशिष्ट अतिथि अभिनेता आशुतोष राणा द्वारा अभिषेक सिंह के शोध प्रबंध “अधिदेशोत्तर अवधि में भारतीय कंपनियों के निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व कार्यक्रमों पर एक विश्लेषणात्मक अध्ययन” को संस्कृति विश्वद्यालय द्वारा प्रबंधन संकाय के वर्ष 2025 हेतु विशिष्ट थीसिस पदक से पुरस्कृत किया गया।

अनुसंधान उत्कृष्टता पुरस्कार से किया सम्मानित

अभिषेक सिंह द्वारा अपनी थीसिस के लिए प्रकाशित किए गए अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रों में से एक शोध पत्र सीएसआर-फर्म प्रदर्शन: अधिदेशोत्तर भारतीय कॉर्पोरेट परिदृश्य से अंतर्दृष्टि को वर्ष 2024 डॉ. कलाम इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा आयोजित शिक्षा गुणवत्ता के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में श्रीलंका के शिक्षा मंत्री अरुणाचेलमअरविंद कुमार द्वारा सम्मानित किया गया।

वर्ष 2023 में अभिषेक सिंह द्वारा अपनी थीसिस के लिए प्रकाशित किए गए अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रों में से एक शोध पत्र सी .एस.आर. संवाद की जटिलता: कॉर्पोरेट सहभागिता और हितधारक अपेक्षाओं में संतुलन को सुशांत विश्वविधालय गुरुग्राम द्वारा अनुसंधान उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

वरिष्ठ प्रबंधक के रूप में दे रहे हैं अपनी सेवाएं

मूलरूप से सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश के निवासी अभिषेक सिंह की प्रारंभिक शिक्षा सुलतानपुर एवं इलाहाबाद में हुई। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद अभिषेक ने होटल प्रबंधन संस्थान, मेरठ से होटल मैनेजमेंट में स्नातक किया एवं भारत के विभिन्न बहुराष्ट्रीय पांच सितारा होटल्स में अपनी सेवाएं दी एवं वर्तमान में नोएडा स्थित एक बहुराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान में वरिष्ठ प्रबंधक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

जीवनपर्यंत सामाजिक कार्यों में अपना योगदान देते रहे

अभिषेक सिंह के पिता ललित कुमार सिंह जनपद सुलतानपुर न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और विधि विशेषज्ञ के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और माता सरोज सिंह सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में कार्य करते हुए वर्तमान में कादीपुर के ग्राम प्राणनाथपुर की ग्राम प्रधान के रूप में अपनी सेवाएं दें रही हैं। अभिषेक सिंह के बाबा स्वर्गीय लाल शंकर सिंह एडवोकेट, सुलतानपुर विधिक क्षेत्र के एक सफलतम अधिवक्ता थे एवं बार एसोसिएशन सुलतानपुर के अध्यक्ष रहने के साथ विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं के प्रबंधन में सहयोग कर, जीवनपर्यंत सामाजिक कार्यों में अपना योगदान देते रहे।

कई लोगों के अटूट सहयोग से भरी रही है

व्यवसाय प्रबंधन, होटल प्रबंधन एवं इतिहास में परास्नातक अभिषेक सिंह अयोध्या के डॉ राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय से विधि स्नातक भी हैं। अभिषेक सिंह ने बताया कि आज वर्षों के समर्पण, कड़ी मेहनत और लगन की सफलता का दिन है। मुझे अपनी पीएचडी पूरी करने पर बेहद गर्व है। यह यात्रा बौद्धिक चुनौतियों, व्यक्तिगत विकास और कई लोगों के अटूट सहयोग से भरी रही है।

प्रेरणा का एक अत्यंत आवश्यक स्रोत किया प्रदान

मैं एडोब सिस्टम्स, संस्कृति विश्वविद्यालय, मेरे मार्गदर्शक, प्रो. (डॉ.) राणा सिंह, एलएनएमआई, एमडीआई के पूर्व छात्र, डॉ. एम. बी. चेट्टी, कुलपति - संस्कृति विश्वविद्यालय, डॉ. दिग्विजय शर्मा, डॉ. अमित वर्मा के मार्गदर्शन, विशेषज्ञता और मेरी क्षमता में विश्वास के लिए अपना गहरा आभार व्यक्त करना चाहता हूं। मुझे गंभीरता से सोचने, अपने शोध को निखारने और अंततः इस मुकाम तक पहुंचने के लिए प्रेरित करने के लिए धन्यवाद। मैं अपने परिवार,पत्नी, बच्चों और मित्रों के प्रोत्साहन और समर्थन के लिए भी बहुत आभारी हूं, जिन्होंने इस पूरी सतत प्रक्रिया में मुझे शक्ति और प्रेरणा का एक अत्यंत आवश्यक स्रोत प्रदान किया।

यह पीएचडी केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है। यह इस यात्रा का हिस्सा रहे, सभी लोगों के सामूहिक प्रयास का प्रमाण है। मैं भविष्य की ओर देखते हुए, प्रबंधन और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व में योगदान देने के लिए अपने ज्ञान और कौशल को लागू करने तथा सतत सीखने और आगे बढ़ने के लिए उत्साहित हूं।

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