Youth For Nation: निशुल्क थिएटर कार्यशाला ‘रंग-सोपान’ में हर उम्र के लोगों ने की जमकर शिरकत
ग्रेटर नोएडा। जलवायु में 11 जून से 21 जून, 2025 तक “यूथ फॉर नेशन” गैर सरकारी संगठन द्वारा एक निशुल्क थिएटर कार्यशाला ‘रंग-सोपान’ का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उददेशय पंद्रह साल से बड़े बच्चे, युवक, युवतियां, महिलाएं और पुरुषों को थिएटर-कला से जोड़ना था। हर उम्र और वर्ग को लोगों ने इस कार्यशाला का लाभ उठाया।
यूथ फॉर नेशन एक गैर सरकारी संगठन है जो अलग-अलग सामाजिक विषयों पर काम करता है. युवा फाउंडेशन के बैनर तले निशुल्क चिकित्सा शिविर, विभिन्न विषयों पर कार्यशालाएं (वर्कशॉप) और लघु फिल्म महोत्सव आयोजित करते हैं। यूथ फॉर नेशन का लक्ष्य युवाओं के करियर निर्माण में सहायता और रोजगार जागरूकता के लिए कार्यशालाओं का आयोजन करना और महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में कार्य करना है।
“यूथ फॉर नेशन” के अध्यक्ष सुनील त्यागी मे बताया कि इस निशुल्क कार्यशाला का आयोजन यूथ फॉर नेशन के तत्वावधान में, किया जा रहा है। ललित कलाओं के माध्यम से युवाओं में राष्ट्रभक्ति एवं समाज के प्रति संवेदनशीलता की भावना जागृत करना ही यूथ फॉर नेशन का लक्ष्य है, इसी कड़ी में अब तक ग्रेटर नोएडा में शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल, एवं संगोष्ठी और ‘बंगाल 1947’ जैसी फिल्म के शोज़ भी सफलता पूर्वक कराया जा चुका है।
कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। विशेष अतिथि के रूप में, जलवायु विहार सोसाइटी के प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट और प्रसिद्ध पत्रकार आलोक बंसल मंचासीन हुए व प्रतिभागियो को सर्टिफिकेट देकर उत्साहित भी किया।
इस कार्यशाला का मौलिक विचार अरुण अरोड़ा का था। एक व्यवसायी होते हुए भी पिछले 30 दशकों से नाट्य और फिल्म उद्दयोग से जुड़े रहे है व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सदस्य बनकर देश सेवा में भी योगदान दे रहे हैं। श्रीमति अनीता के नेतृत्त्व मे इस ‘रंग-सोपान’ कार्यशाला का पाठयक्रम नियोजित किया गया। जिसमे लेखन, वाचन, अभियन की बारीकियां व नाट्यशास्त्र का इतिहास भी बताया गया। उनके सहयोगी शिक्षको में एकता सिंह, कशिश चौहान, अदित्या व दीया ने भी प्रतिभागियों को अपने अभिनय के अनुभव से प्रशिक्षित किया। लक्ष्मी शुक्ल इस कार्यशाला में उपाध्यक्ष थीं, उन्होने महान ऋषि भरतमुनि द्वारा रचित नाट्यशास्त्र के इतिहास और थिएटर और हमारे नित्य जीवन में नवरसों का महतत्त्व समझाया। कार्यशाला के 12 दिन नई गतिविधियो से ओतप्रोत रहे। प्रतिभागियों का ज्ञान वर्धन तो हुआ ही साथ ही साथ मनोरंजन भी हुआ। यह कार्यशाला सफल व ज्ञान वर्धक सिद्ध हुई।