भारत-रूस के बीच हुए 19 समझौते, पुतिन ने पीएम मोदी को दिया रूस आने का निमंत्रण

दोनों देशों के बीच हुई 23वीं शिखर बैठक के बाद दोनों देशों ने साझा बयान जारी किया।;

Update: 2025-12-05 12:23 GMT

नई दिल्ली। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद हाउस में बेहद खास मीटिंग की। पीएम मोदी ने भारत और रूस के बीच की दोस्ती की तुलना ध्रुव तारे से की। उन्होंने कहा कि पिछले कई दशकों से दुनिया ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। सभी को चुनौतियों और संकटों से गुजरना पड़ा है। लेकिन इन सबके बावजूद भारत-रूस की दोस्ती ध्रुव तारे की तरह हमेशा अटल और स्थिर बनी रही है।पीएम मोदी ने रूसी पर्यटकों को 30 दिन का फ्री वीजा देने का ऐलान किया। वहीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भारत को बिना रुकावट के तेल की सप्लाई जारी रखने का ऐलान किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत-रूस के बीच किसी लड़ाकू विमान या बड़े रक्षा सौदे का ऐलान नहीं हुआ, जबकि इसकी उम्मीद की जा रही थी। आज औपचारिक वार्ता के दौरान 19 समझौते हुए। इन समझौते के जरिए भारत के लिए 2030 तक रोडमैप बनाने की चर्चा हो रही है।

भारत-रूस के बीच कुल 19 समझौते हुए

भारत-रूस के बीच विजन 2030 दस्तावेज पर हस्ताक्षर, हेल्थ, फूड सेफ्टी सेक्टर में एग्रीमेंट, फ्री टूरिस्ट वीजा, 2030 तक 100 बिलियन डॉलर कारोबार का लक्ष्य, फ्री ट्रेड पर वार्ता, तकनीक क्षेत्र समेत 19 समझौते हुए। वहीं, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के प्रधानमंत्री पीएम मोदी को रूस आने का न्योता दिया।

भारत-रूस का व्यापार बढ़ाना

दरअसल इन घोषणाओं का मकसद भारत-रूस व्यापार बढ़ाना है। भारत-रूस के बीच शिप बिल्डिंग, भारतीय नाविकों को बर्फीले (पोलर) समुद्री इलाकों में जहाज चलाने की ट्रेनिंग, नई शिपिंग लेन पर निवेश, सिविल न्यूक्लियर ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिजों (क्रिटिकल मिनरल्स) पर समझौते और MoU साइन किए गए।

पीएम ने कहा

पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत किफायती और कुशल EV (इलेक्ट्रिक वाहन), दोपहिया वाहन और CNG मोबिलिटी सॉल्यूशंस में वैश्विक नेता बन चुका है।

उन्होंने आगे कहा कि रूस उन्नत सामग्री का बड़ा उत्पादक है। दोनों देश मिलकर ईवी निर्माण, ऑटोमोटिव कंपोनेंट्स और वायरलेस मोबिलिटी टेक्नोलॉजी में साझेदारी कर सकते हैं।

मोदी बोले- 2030 से पहले ही 100 अरब डॉलर व्यापार लक्ष्य हासिल कर लेंगे

मोदी ने कहा कि उन्होंने और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 100 अरब डॉलर से ऊपर ले जाने का लक्ष्य तय किया है। लेकिन बातचीत और मौजूदा संभावनाओं को देखते हुए उन्हें लगता है कि यह लक्ष्य 2030 से पहले ही पूरा हो जाएगा।


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