ट्रंप का एक और दावा! ईरान पर हमले की तुलना हिरोशिमा-नागासाकी से की, बोले- 'हमारा हमला हिरोशिमा-नागासाकी जैसा'
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से दोनों देशों ने सीजफायर की घोषणा की। 24 जून को सीजफायर की घोषणा हुई।;
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अक्सर पह चीज का श्रेय खुद ही लेते है। जिसके चलते उन्होंनें फिर एक बार ईरान और इजरायल के बीच हाल ही में खत्म हुए युद्ध को लेकर एक चौंकाने वाला बयान दिया है। दरअसल उन्होंने दावा किया कि अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमले हिरोशिमा और नागासाकी की तरह विनाशकारी थे।
क्या बोले ट्रंप
हेग में आयोजित नाटो समिट के बाद मीडिया से बातचीत में ट्रंप ने कहा, "मैं हिरोशिमा का उदाहरण नहीं देना चाहता, मैं नागासाकी का उदाहरण नहीं देना चाहता, लेकिन ईरान पर हमारे हमले उसी तरह के थे।" उन्होंने कहा कि ऐसे ही एक निर्णायक हमले के बाद यह युद्ध समाप्त हुआ और अब दोनों देशों ने शांति की घोषणा कर दी है।
ईरान के तीन परमाणु ठिकानों को बनााया निशाना
बात दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि अमेरिका ने ईरान के नतांज, इस्फहान और फोर्डो स्थित तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। उन्होंने दावा किया कि इन हमलों में ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से ठप कर दिया गया है और इन ठिकानों को गंभीर नुकसान पहुंचा है। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के हमले के बाद ही ईरान पीछे हटने पर मजबूर हुआ और युद्धविराम की स्थिति बनी।
ईरान का अमेरिका पर पलटवार
जानकारी के मुताबिक अमेरिका के हमले के जवाब में ईरान ने कतर और इराक में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए है। बता दें कि ईरान ने कतर में कम से कम 10 मिसाइलें दागीं, जबकि इराक में भी कई स्थानों पर हमले किए गए। लेकिन ट्रंप ने दावा करते हुए का था कि इन हमलों में अमेरिका को कोई नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि 12 दिनों तक चले इस युद्ध में ईरान को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा और उसके लगभग 800 नागरिक मारे गए, जबकि इजरायल के भी 24 से 30 नागरिकों की जान गई।
24 जून को खत्म हुई 12 दिन की जंग
इजराइल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जबकि ईरान ने तेल अवीव और हाइफा जैसे इजराइली शहरों पर मिसाइलें दागीं। इस युद्धविराम से पश्चिम एशिया में तनाव कम हुआ है, लेकिन क्षेत्रीय स्थिरता पर अभी भी सवाल बने हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से दोनों देशों ने सीजफायर की घोषणा की। 24 जून को सीजफायर की घोषणा हुई।