किस बात की माफी...ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दिए गए बयान पर बोले पृथ्वीराज चव्हाण

पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि मैंने कुछ गलत नहीं कहा है, माफी मांगने का सवाल ही नहीं है।;

Update: 2025-12-17 07:30 GMT

पुणे ऑपरेशन सिंदूर के मामले में भारत द्वारा सैन्य कार्रवाई पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने अपने दिए गए बयान पर टिके रहने की बात की है। बता दें कि पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि उन्होंने कुछ भी गलत सवाल नहीं उठाया है और माफी मांगने जैसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने अपने बयान में कुछ भी गलत नहीं कहा और संविधान ने उन्हें सवाल पूछने का अधिकार दिया है।

माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता

पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि मैंने कुछ गलत नहीं कहा है, माफी मांगने का सवाल ही नहीं है। हमारे संविधान ने मुझे सवाल पूछने का अधिकार दिया है। दरअसल, पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा करते हुए कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन भारतीय वायुसेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। उन्होंने आगे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन हम पूरी तरह हार गए थे। 7 मई को जो आधे घंटे का हवाई संघर्ष हुआ, उसमें हमें पूरी तरह से पराजय मिली, लेकिन इसे लोगों ने अनदेखा कर दिया। भारतीय विमानों को मार गिरा दिया गया। वायुसेना पूरी तरह से ग्राउंडेड थी और एक भी विमान नहीं उड़ सका।

इस वजह से रखा गया वायुसेना को पूरी तरह ग्राउंड

उन्होंने आगे दावा किया कि यदि ग्वालियर, बठिंडा या सिरसा से कोई भी विमान उड़ान भरता तो उसके पाकिस्तान द्वारा मार गिराए जाने की पूरी आशंका थी। इसी वजह से वायुसेना को पूरी तरह ग्राउंड पर रखा गया। इसके अलावा उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान थलसेना की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस सैन्य कार्रवाई के दौरान जमीन पर सेना की एक किलोमीटर तक भी कोई मूवमेंट नहीं हुई।

क्या हमें 12 लाख सैनिकों की सेना बनाए रखने की आवश्यकता है

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमने देखा कि सेना की एक किलोमीटर तक भी कोई मूवमेंट नहीं हुई। दो-तीन दिनों में जो कुछ हुआ था, वह केवल हवाई युद्ध और भविष्य में भी युद्ध इसी तरह लड़े जाएंगे। ऐसे में क्या हमें 12 लाख सैनिकों की सेना बनाए रखने की आवश्यकता है। पहलगाम में आतंकियों ने किया था हमला

गौरतलब है कि चव्हाण का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब ऑपरेशन सिंदूर को लेकर देशभर में राजनीतिक बहस तेज हो रही है। 22 अप्रैल को पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक गांव पर हमला किया गया था। हमलावरों ने धर्म पूछकर हमला किया था।

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