बेंगलुरु भगदड़ में 11 की मौत के बाद पुलिस अधिकारी निलंबित: सिद्धारमैया
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हादसे की जांच अब राज्य की आपराधिक जांच विभाग (CID) को सौंपी जा रही है। उन्होंने पहले ही एक सेवानिवृत्त हाईकोर्ट न्यायाधीश माइकल कुन्हा की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन कर दिया था।;
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बेंगलुरु में हुए भगदड़ हादसे के बाद कड़ा कदम उठाते हुए शहर के पुलिस आयुक्त और उनके डिप्टी को निलंबित कर दिया है। यह घटना बुधवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की जीत के उपलक्ष्य में आयोजित एक समारोह के दौरान हुई, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई और 47 अन्य घायल हो गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हादसे की जांच अब राज्य की आपराधिक जांच विभाग (CID) को सौंपी जा रही है। उन्होंने पहले ही एक सेवानिवृत्त हाईकोर्ट न्यायाधीश माइकल कुन्हा की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन कर दिया था।
सिद्धारमैया के अनुसार, इस समारोह को लेकर RCB और आयोजकों को पुलिस ने कुछ दिन और इंतज़ार करने की सलाह दी थी, जिसे नजरअंदाज किया गया। उन्होंने कहा कि अब RCB, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी DNA एंटरटेनमेंट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
RCB की पहली IPL जीत को लेकर राज्य में भारी उत्साह था और हजारों लोग टीम को देखने के लिए समारोह स्थल पर जमा हो गए थे। हालांकि, भीड़ के बीच तालमेल की कमी और सुरक्षा इंतज़ामों में खामी के कारण भगदड़ मच गई। अनुमान है कि स्टेडियम और उसके आसपास करीब आठ लाख लोग जुटे थे, जबकि पुलिस बल की तैनाती अपर्याप्त थी।
सरकार की ओर से दावा किया गया था कि यह आयोजन अचानक तय हुआ था, लेकिन जांच में सामने आया कि RCB ने पहले ही 4 जून को सोशल मीडिया पर इस ‘विजय जुलूस’ की जानकारी साझा कर दी थी। उस पोस्ट में यह भी बताया गया था कि जुलूस शाम 5 बजे विधान सौधा से शुरू होकर चिन्नास्वामी स्टेडियम में खत्म होगा, जहां सम्मान समारोह होगा। फ्री पास और पुलिस के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील भी की गई थी।
हादसे के बाद राज्य सरकार की आलोचना हो रही है कि कार्यक्रम के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध नहीं किए गए। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और अन्य नेताओं की मौजूदगी के कारण विधान सौधा क्षेत्र में सुरक्षा कड़ी थी, लेकिन स्टेडियम के पास पुलिस की मौजूदगी बहुत कम थी, जो स्थिति को संभालने में असमर्थ रही।
इस मामले में अब तक RCB, कर्नाटक क्रिकेट संघ और DNA एंटरटेनमेंट के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। साथ ही, कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस घटना का स्वतः संज्ञान लिया है और राज्य सरकार से जवाब मांगा है कि इस हादसे के पीछे क्या कारण थे और इसे रोका क्यों नहीं जा सका। अदालत ने भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सरकार से विस्तृत योजना भी प्रस्तुत करने को कहा है।
राज्य सरकार और संबंधित एजेंसियों पर इस पूरे मामले में गंभीर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं, और पीड़ितों के परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं। मामले की जांच जारी है।