दिल्ली के पुराने किले में बोटिंग का ट्रायल शुरू, अक्टूबर से आम जनता उठा सकेगी लुत्फ
स्थानीय संरक्षण सहायक अजय बागड़ी के अनुसार, लगभग 9-10 साल बाद पुराने किले की झील में बोटिंग शुरू करने की तैयारी की जा रही है।;
दिल्ली का ऐतिहासिक पुराना किला (Old Fort) एक बार फिर से पर्यटकों का आकर्षण केंद्र बन गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने यहां बोटिंग की सुविधा शुरू करने की योजना बनाई है और वर्तमान में इसका ट्रायल चल रहा है। इस नई सुविधा के चलते यहां पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
स्थानीय संरक्षण सहायक अजय बागड़ी के अनुसार, लगभग 9-10 साल बाद पुराने किले की झील में बोटिंग शुरू करने की तैयारी की जा रही है। फिलहाल परीक्षण के तौर पर इसे खोला गया है और उम्मीद है कि अक्टूबर महीने से आम जनता भी इसका पूरा आनंद ले सकेगी।
पहले जहां सप्ताह के दिनों में केवल 500-600 पर्यटक पहुंचते थे, वहीं पिछले एक हफ्ते में यह संख्या बढ़कर 1000-1200 तक हो गई है। शनिवार को तो यह आंकड़ा 3000 तक पहुंच गया, जबकि सामान्यत: वीकेंड पर 1500-2000 लोग ही आते थे।
इतिहासकारों के अनुसार, पुराना किला न केवल दिल्ली की प्राचीन धरोहरों में से एक है बल्कि इसे महाभारत काल के इंद्रप्रस्थ नगर से भी जोड़ा जाता है। 16वीं शताब्दी में अफगान शासक शेरशाह सूरी ने इसका निर्माण कराया था और इसे “शेरगढ़” नाम दिया था। बाद में मुगलों ने भी इस किले का इस्तेमाल अपने शासनकाल में किया।
किले की लाल बलुआ पत्थर से बनी विशाल दीवारें और भव्य स्थापत्य आज भी पर्यटकों को मोहित करती हैं। इसके भीतर स्थित पुरातत्व संग्रहालय पर्यटकों के लिए एक और बड़ा आकर्षण है, जिसमें सल्तनत काल, गुप्त काल, शुंग काल और मुगल काल की सैकड़ों वस्तुएं प्रदर्शित हैं। इनमें मिट्टी से बना मुगलकालीन हाथी खास आकर्षण का केंद्र है।
पुराना किला परिसर में बनी झील का इतिहास भी उतना ही महत्वपूर्ण है। यह कृत्रिम झील शेरशाह सूरी और हुमायूँ के काल से जुड़ी हुई है। लंबे समय से यह झील नौकायन का प्रमुख केंद्र रही है। इस वर्ष 1 सितंबर से बोटिंग शुरू करने की योजना थी, लेकिन परिसर में चल रहे निर्माण कार्य के कारण इसे स्थगित कर दिया गया। अब उम्मीद है कि अक्टूबर से आम लोग यहां बोटिंग का आनंद उठा पाएंगे।