बीबी को माफ कर दीजिए: नेतन्याहू के लिए ट्रंप ने इजरायली राष्ट्रपति को लिखा पत्र, जानें चिट्ठी में क्या कहा

बुधवार को इजरायली राष्ट्रपति कार्यालय ने इस चिट्ठी की पुष्टि करते हुए कहा कि “राष्ट्रपति हर्जोग किसी भी माफी के अनुरोध पर स्थापित कानूनी प्रक्रियाओं के तहत ही विचार कर सकते हैं।”;

By :  DeskNoida
Update: 2025-11-12 21:30 GMT

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल के राष्ट्रपति इसाक हर्जोग को एक औपचारिक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने अपने पुराने मित्र और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (बीबी) को भ्रष्टाचार के मामलों में क्षमा देने की अपील की है। यह पत्र इजरायल के राजनीतिक हलकों में चर्चा का बड़ा विषय बन गया है।

बुधवार को इजरायली राष्ट्रपति कार्यालय ने इस चिट्ठी की पुष्टि करते हुए कहा कि “राष्ट्रपति हर्जोग किसी भी माफी के अनुरोध पर स्थापित कानूनी प्रक्रियाओं के तहत ही विचार कर सकते हैं।”

ट्रंप ने लिखा – ‘बीबी के खिलाफ मुकदमा राजनीतिक है’

ट्रंप ने अपने पत्र में लिखा कि, “मैं इजरायल की न्याय व्यवस्था की स्वतंत्रता और सिद्धांतों का पूरा सम्मान करता हूं, लेकिन मेरी राय में बीबी के खिलाफ यह मुकदमा पूरी तरह राजनीतिक और अनुचित है। उन्होंने वर्षों तक मेरे साथ मिलकर काम किया है और इजरायल के कट्टर दुश्मन ईरान के खिलाफ संघर्ष में अहम भूमिका निभाई है।”

ट्रंप ने आगे कहा कि नेतन्याहू को क्षमा करना “इजरायल की एकता और न्याय की भावना को मजबूत करने” का कदम होगा। उन्होंने पत्र में बीबी को “महान राष्ट्रवादी और सच्चे मित्र” बताया।

हर्जोग कार्यालय का जवाब

इजरायली राष्ट्रपति के कार्यालय ने स्पष्ट किया कि माफी की मांग करने वाले किसी भी व्यक्ति को औपचारिक आवेदन जमा करना होगा और यह प्रक्रिया न्यायिक समीक्षा के अधीन होती है। बयान में कहा गया कि “राष्ट्रपति कानूनी प्रावधानों का पालन करने के लिए बाध्य हैं।”

ट्रंप ने पहले भी की थी माफी की मांग

यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने नेतन्याहू के लिए माफी की बात की हो। अक्टूबर में इजरायल यात्रा के दौरान, ट्रंप ने यरुशलम की संसद में अपने संबोधन में भी हर्जोग से नेतन्याहू को क्षमा करने की अपील की थी। उस समय भी इजरायली प्रशासन ने उन्हें कानूनी सीमाओं की याद दिलाई थी।

नेतन्याहू के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले

नेतन्याहू पर 2019 में तीन अलग-अलग मामलों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। उन पर लगभग 7 लाख शेकेल (करीब 2.11 लाख अमेरिकी डॉलर) मूल्य के उपहार और रिश्वत लेने, मीडिया कवरेज को प्रभावित करने और कारोबारी हितों को साधने जैसे गंभीर आरोप हैं।

2020 में मुकदमे की शुरुआत हुई थी, लेकिन अभी तक फैसला नहीं आया है। नेतन्याहू ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है और इसे “वामपंथी ताकतों की साजिश” बताया है, जो उन्हें सत्ता से हटाना चाहती हैं।

ट्रंप और नेतन्याहू की करीबी

डोनाल्ड ट्रंप और बेंजामिन नेतन्याहू के बीच घनिष्ठ राजनीतिक और व्यक्तिगत संबंध रहे हैं। ट्रंप के कार्यकाल के दौरान ही अमेरिका ने यरुशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता दी थी और अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से वहां स्थानांतरित किया गया था। इस फैसले ने दोनों नेताओं के रिश्तों को और मजबूत किया था।

अब ट्रंप का यह नया पत्र एक बार फिर उनके नेतन्याहू के प्रति समर्थन और इजरायली राजनीति में उनके प्रभाव को दर्शाता है।

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