13 साल की उम्र में बाबा बन गए थे प्रेमानंद महाराज, बताया सर्दी में सुबह उठने का तरीका

Update: 2025-11-12 15:00 GMT

वृंदावन। राधा रानी के परम भक्त प्रेमानंद महाराज के व्यक्तिगत जीवन में भक्तों की काफी रुचि रहती है। बहुत सारे लोग प्रेमानंद महाराज के बारे में कई जानकारी जुटाए हुए हैं। लेकिन यह जानकारी बहुत ही कम लोगों के पास होगी कि वह बाबा कब बने। तो आपको बताएं कि प्रेमानंद महाराज मात्र 13 साल की उम्र में बाबा बन गए थे।

किशोरावस्था में क्या थी बाबा की दिनचर्या

बचपन से ही प्रेमानंद महाराज को गंगा नदी से लगाव था। जब वह 13 साल की उम्र में बाबा बन गए तब से ही उनका ठिकाना गंगा नदी का किनारा बन गया। वह गंगा नदी से बेहद प्यार करते थे। जहां तक उनकी दिनचर्या की बात है तो वह तड़के दो ढाई बजे बिस्तर छोड़ देते थे। सबसे पहले वह भजन गाते थे। इसके बाद वह स्नान के लिए गंगा नदी की ओर निकल जाते थे। हाल ही बाबा ने भक्तों के कुछ सवालों का जवाब देते हुए बताया कि सर्दी के समय में गंगाजल काफी ठंडा हुआ करता था। लेकिन सुबह स्नान का संकल्प ठंड का एहसास नहीं होने देता था।

बाबा ने बताया सुबह उठने का आसान तरीका

बाबा से एक भक्त ने सवाल किया कि सर्दी के दिनों में सुबह उठने का मन नहीं करता है, लगता है कि थोड़ी देर और सो लूं। इस पर बाबा ने कहा सबसे बड़ी बात लगन की होती है। अगर मन में सुबह उठने का लगन है तो आपको सर्दी भी नहीं लगेगी। बाबा ने कहा किसी भी हालत में, किसी भी मौसम में हर किसी को सुबह में जरूर उठाना चाहिए। सुबह उठने से जो फायदा मिलता है वह आपके संपूर्ण व्यक्तित्व में एक उजाला भरता है और आप अंधकार से दूर हो जाते हैं। प्रेमानंद महाराज ने कहा हर व्यक्ति को अपनी दिनचर्या बनानी चाहिए और दिनचर्या ऐसी हो जिसमें खुद के साथ समाज का हित समाहित हो।

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