शनिवार को पीपल की पूजा करके शनिदेव को ऐसे मनाएं! जानें क्या है पूजा विधि और मंत्र
शनिवार को पीपल की पूजा करने के लिए, सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करके पीपल की जड़ में जल और दूध चढ़ाएं। शाम को पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं, जिसमें काले तिल डाल सकते हैं। इसके बाद पीपल की सात बार परिक्रमा करते हुए हनुमान चालीसा का पाठ करें।
शनिवार को पीपल पूजा की विधि
प्रातःकाल: स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें। एक लोटे में जल, दूध, थोड़े काले तिल और गुड़ मिलाकर पीपल की जड़ में अर्पित करें। इस दौरान 'ॐ शं शनैश्चराय नमः' या 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः' जैसे शनि मंत्रों का जाप करें।
शाम में पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। आप दीपक में काले तिल और लोहा का टुकड़ा भी डाल सकते हैं।
दीपक जलाने के बाद पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करें। परिक्रमा करते समय 'ॐ शं शनैश्चराय नमः' या 'ॐ नमः शिवाय' जैसे मंत्रों का जाप कर सकते हैं। परिक्रमा के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें।
पूजा से पहले ध्यान रखने योग्य बातें
परिक्रमा
अगर पीपल के चारों ओर घूमने की जगह न हो, तो आप पीपल के सामने खड़े होकर भी परिक्रमा लगा सकते हैं।
अन्य उपाय
पितृ दोष से मुक्ति के लिए पीपल की जड़ में जल, दूध, चार बताशे, दो लौंग और कुछ काले तिल अर्पित करें।
जल्द विवाह के लिए, पीपल पर रक्षासूत्र या मौली बांधें और शनि जयंती पर ११ पत्तों पर हल्दी से 'ॐ शन शश्वराय नमः' लिखकर उन्हें जड़ में चढ़ाएं।
सावधानी
कभी भी रविवार को पीपल की पूजा नहीं करें, क्योंकि इस दिन ऐसा करना नुकसानदायक हो सकता है।