पीएम मोदी के मुरीद हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर! कांग्रेस में मच सकती है खलबली, बोले-भारत दुनिया के उभरने की बना मिसाल
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता शशि थरूर के सुर ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही बदले नजर आ रहे हैं। कांग्रेस सांसद होने के बावजूद शशि थरूर अक्सर सार्वजनिक मंच पर पीएम मोदी समेत सरकार के कई फैसलों की सराहना करते दिखाई देते हैं। हालांकि, उनके इस कदम से कांग्रेस के खेमे में भी खलबली मच जाती है। शशि थरूर ने एक बार फिर पीएम मोदी की तारीफों के पुल बांधे हैं। जिसके बाद सियासी पारा हाई होने वाला है।
भारत अब महज एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था नहीं है
दरअसल पीएम मोदी ने छठे रामनाथ गोयनका व्याख्यान को संबोधित करते हुए 2035 तक भारत को मैकाले की मानसिकता से निकालने की हुंकार भरी थी। पीएम मोदी के भाषण के दौरान ऑडियंस की कतार में शशि थरूर भी मौजूद थे। वहीं कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि पीएम मोदी देश को गुलामी की मानसिकता से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि भारत अब महज एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था नहीं है, बल्कि दुनिया के उभरने की मिसाल बन चुका है। शशि थरूर ने आगे लिखा कि पीएम मोदी ने कहा कि उनपर हमेशा चुनावी मोड में रहने का आरोप लगता है, लेकिन लोगों की समस्याओं पर बात करते हुए वो इमोशनल मोड में रहते हैं।
पीएम का संबोधन एक सांस्कृतिक आह्वान था
वहीं उन्होंने आगे कहा कि भाषण का एक अहम हिस्सा मैकाले की 200 साल पुरानी "गुलामी मानसिकता" की विरासत को पलटने पर केंद्रित था। पीएम मोदी ने भारत की विरासत, भाषाओं और ज्ञान प्रणालियों में गौरव की पुनर्स्थापना के लिए 10 साल के राष्ट्रीय मिशन की अपील की। काश उन्होंने यह भी स्वीकार किया होता कि कैसे रामनाथ गोयनका ने भारतीय राष्ट्रवाद की आवाज उठाने के लिए अंग्रेजी का इस्तेमाल किया था। कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री का संबोधन एक आर्थिक दृष्टिकोण और एक सांस्कृतिक आह्वान दोनों था, जिसने राष्ट्र को प्रगति के लिए तत्पर रहने का आह्वान किया। सर्दी-खांसी से जूझने के बावजूद दर्शकों के बीच उपस्थित रहकर खुशी हुई। पीएम मोदी के भाषण के दौरान शशि थरूर बीजेपी नेताओं के साथ बैठे थे। उनके बायीं ओर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद बैठे थे और दायीं तरफ पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद थे।