एलन मस्क की स्टारलिंक को भारत में हरी झंडी! अब सैटेलाइट से चलेगा इंटरनेट, जानें इसके फायदे
स्टारलिंक की सैटेलाइट नेटवर्क से उन दूर-दराज के इलाकों में भी इंटरनेट पहुंचेगा, जहां न टावर हैं न केबल कनेक्शन।;
नई दिल्ली। एलॉन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को भारत सरकार ने सैटेलाइट के माध्यम से इंटरनेट सेवाएं देने की अनुमति दे दी है। अब स्टारलिंक अपने "ऑपरेशनल ग्रीन सिग्नल" के साथ भारत की डिजिटल दुनिया में एक नई क्रांति लाने को तैयार है।
स्टारलिंक को मिला "लेटर ऑफ इंटेंट"
स्टारलिंक को दूरसंचार विभाग (DoT) ने "लेटर ऑफ इंटेंट" या प्रारंभिक मंजूरी दे दी है। राष्ट्रीय सुरक्षा के नियमों को मानने के बाद कंपनी को यह अनुमति दी गई है। अब स्टारलिंक को भारत में GMPCS लाइसेंस पाने के अंतिम पड़ाव पर पहुंचने के लिए पहले अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा का डेमो देना होगा। इसके साथ ही कंपनी देश भर में अर्थ स्टेशन गेटवे (ग्राउंड स्टेशन) लगाने होंगा, जो स्थानीय नेटवर्क से सैटेलाइट्स को जोड़ेंगे।
जीयो और एयरटेल के साथ की थी साझेदारी
इसके अलावा कंपनी को भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) से सैटेलाइट कॉन्स्टेलेशन और नेटवर्क क्षमता की मंजूरी भी लेनी होगी। बता दें कि राज्य संचार मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने हाल ही में जानकारी दी थी कि स्टारलिंक का प्रस्ताव अंतिम चरण में है। इसके अलावा मार्च 2025 में स्टारलिंक की पेरेंट कंपनी SpaceX ने एयरटेल और जियो के साथ साझेदारी भी की थी ताकि उनके स्टोर्स के जरिए स्टारलिंक डिवाइस बेची जा सके।
क्या होंगे इसके फायदे?
डाटा के मुताबिक भारत की 40 प्रतिशत आबादी के पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है, खासकर ग्रामीण इलाकों में। इस वजह से भारत के ग्रामीण क्षेत्र स्टारलिंक के लिए बहुत बड़ा बाजार है। स्टारलिंक की इस सैटेलाइट सेवा से गांव में बच्चों को ऑनलाइन शिक्षण मिलेगा, किसान को मंडी और मौसम की जानकारी मिलेगी और ग्रामीण क्लिनिकों में डॉक्टरों से ऑनलाइन संपर्क बनाया जा सकेगा। स्टारलिंक की सैटेलाइट नेटवर्क से उन दूर-दराज के इलाकों में भी इंटरनेट पहुंचेगा, जहां न टावर हैं न केबल कनेक्शन। इससे न केवल गांवों तक इंटरनेट पहुंचेगा, बल्कि भारत डिजिटल ताकत के रूप में और मजबूत बनेगा।