गौतम अडानी ने किया ऐलान! देश का सबसे बड़ा बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम बनाएंगे, जानें पूरी योजना के बारे में...

अडानी ग्रुप का यह कदम भारत की स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो रहा है।;

By :  Aryan
Update: 2025-11-11 10:53 GMT

नई दिल्ली। अडानी ग्रुप ने आज यानी मंगलवार को बैटरी ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में हाथ आजमाने का ऐलान किया है। दरअसल अडानी ग्रुप गुजरात के खावड़ा में 1,126 मेगावाट मतलब 3,530 मेगावाट प्रतिघंटा क्षमता वाली बड़े स्तर पर बीईएसएस परियोजना को लाने जा रहा है। बता दें कि यह परियोजना भारत ही नहीं बल्कि दुनिया में सबसे अधिक ऊर्जा भंडारण वाली परियोजनाओं में से एक है।

बैट्री ऊर्जा भंडारण की ऊर्जा क्षमता 3,530 मेगावाट प्रतिघंटा होगी

जानकारी के अनुसार, इस सुविधा में 700 से ज्यादा BESS कंटेनर होंगे। इस परियोजना को मार्च 2026 तक शुरू करने की योजना है। खावड़ा नवीकरणीय ऊर्जा परिसर का ही भाग है, जिसे विश्व का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्र कहा जाता है। इस परियोजना की विद्युत क्षमता 1,126 मेगावाट एवं ऊर्जा क्षमता 3,530 मेगावाट-घंटा होगी। इसका मतलब है कि यह प्रणाली 3,530 मेगावाट-घंटा ऊर्जा का संरक्षण करेगी, ताकि1126 मेगावाट की विद्युत क्षमता को लगभग तीन घंटे तक बढ़ाया जा सके।

ऊर्जा भंडारण अक्षय ऊर्जा आधारित भविष्य की आधारशिला है

अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा कि ऊर्जा भंडारण अक्षय ऊर्जा आधारित भविष्य की आधारशिला है। इस ऐतिहासिक परियोजना के माध्यम से हम वैश्विक स्तर पर खुद को स्थापित कर पा रहे हैं। इसके साथ ही भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता और स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस पहल से ग्रुप को बड़े पैमाने पर विश्वसनीय, स्वच्छ और किफायती ऊर्जा समाधान प्रदान करने में सक्षम बनाया जाएगा।

50 गीगावाट प्रतिघंटा कैपिसिटी बढ़ाने की योजना

गौरतलब है कि ग्रुप ने कहा वह वित्त वर्ष 2026-27 तक अपनी भंडारण क्षमता को 15 गीगावाट प्रति घंटा और अगले पांच वर्षों में 50 गीगावाट प्रतिघंटा तक बढ़ाने की योजना बना रहा है। इस लक्ष्य से भारत में क्लीन एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में समूह की दीर्घकालिक हिस्सेदारी दिखाता है। इस रणनीतिक पहल के साथ, अडानी समूह अब उन वैश्विक ऊर्जा कंपनियों की श्रेणी में शामिल हो गया है जो बड़े पैमाने पर भंडारण अवसंरचना में निवेश कर रही हैं। अडानी ग्रुप का यह कदम भारत की स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो रहा है।


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