जीएसटी काउंसिल बैठक: अब सिर्फ 5% और 18% स्लैब, जूते-चप्पल और कपड़े होंगे सस्ते
बैठक में मौजूदा 12% और 18% टैक्स स्लैब को हटाकर केवल दो दरें – 5% और 18% – को बरकरार रखने पर सहमति बनी है। सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला आम जनता और कारोबारियों दोनों के लिए राहत देने वाला साबित हो सकता है।;
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हो रही जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक के पहले दिन कई बड़े फैसले लिए गए। बैठक में मौजूदा 12% और 18% टैक्स स्लैब को हटाकर केवल दो दरें – 5% और 18% – को बरकरार रखने पर सहमति बनी है। सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला आम जनता और कारोबारियों दोनों के लिए राहत देने वाला साबित हो सकता है।
जूते-चप्पल और कपड़े होंगे सस्ते
बैठक में तय किया गया कि अब 2,500 रुपये तक के फुटवियर और कपड़ों पर केवल 5% जीएसटी लगाया जाएगा। पहले यह छूट सिर्फ 1,000 रुपये तक के सामान पर थी। पहले 1,000 रुपये से ऊपर की वस्तुओं पर 12% टैक्स लगता था, जिसे अब खत्म कर दिया गया है।
इंश्योरेंस और दवाओं पर राहत
सूत्रों के मुताबिक, काउंसिल वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम को जीएसटी से मुक्त करने की तैयारी कर रही है। वहीं, जीवन रक्षक दवाओं पर टैक्स दरों में भी कटौती की जा सकती है। इसके अलावा इंश्योरेंस प्रीमियम को 5% स्लैब में लाने का प्रस्ताव है।
जम्मू-कश्मीर की चिंता
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इन प्रस्तावित सुधारों से केंद्र शासित प्रदेश की आय 10-12% तक घट सकती है। उन्होंने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद पर्यटन, परिवहन, निर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टर प्रभावित हुए हैं, जिससे राज्य की आय में भारी गिरावट आई है। उन्होंने केंद्र से विशेष वित्तीय पैकेज की मांग की है।
MSME और स्टार्टअप्स को राहत
काउंसिल ने यह भी फैसला लिया है कि MSMEs और स्टार्टअप्स के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा। अब जहां पहले 30 दिन का समय लगता था, वहीं अब सिर्फ 3 दिन में जीएसटी रजिस्ट्रेशन हो सकेगा। साथ ही, निर्यातकों को जीएसटी रिफंड ऑटोमेटिक मिलेगा, जिससे कारोबार करने में आसानी होगी।
निष्कर्ष
56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक के पहले दिन लिए गए ये फैसले आम उपभोक्ताओं, कारोबारियों और उद्योग जगत सभी के लिए राहत देने वाले हैं। जहां रोज़मर्रा की वस्तुएं जैसे कपड़े और जूते-चप्पल सस्ते होंगे, वहीं बीमा, स्वास्थ्य सेवाएं और एमएसएमई क्षेत्र को भी बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।