ट्रंप की पीस प्लान को हमास ने किया रिजेक्ट, जानें इजरायल ने फिलिस्तीन को मान्यता देने के लिए क्या कहा
अगर हमास इस प्लान को ठुकराता है तो इजराइल की सैन्य कार्रवाई और तेज हो सकती है;
नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा युद्ध खत्म करने के लिए 20 बिंदुओं वाला शांति प्रस्ताव पेश किया है। लेकिन इसमें मुश्किल यह आ रही है कि जहां इजरायल ने इस प्लान को स्वीकार कर लिया है, वहीं हमास ने कहा है कि वो इसे अस्वीकार करेगा। वहीं, नेतन्याहू फिलिस्तीन की मान्यता के लिए तैयार नहीं हैं। इस मामले में ट्रंप का कहना है कि यह शांति योजना संघर्ष खत्म करने का सुनहरा मौका है।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा
ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा है कि हमास के पास केवल 4 दिन का समय है। ट्रंप ने कहा कि हमास मानता है तो अच्छा वरना इजरायल वही करेगा जो आवश्यक होगा।
हमास के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा
जानकारी के मुताबिक, हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस योजना में इजरायल के हितों पर ध्यान दिया गया और फिलिस्तीनी लोगों को अनदेखा किया गया है। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि हमास हथियार डालने और अपने लड़ाकों को निरस्त्र करने की कोई शर्त नहीं मानेगा।
ट्रंप के गाजा शांति प्लान के अहम बिंदु
व्हाइट हाउस में घोषित इस योजना में कई अहम बिंदु शामिल हैं। सबसे पहला प्लान तुरंत युद्धविराम और सभी बंधकों की रिहाई है।
कैदियों की अदला-बदली- इजरायल 1,950 फिलिस्तीनियों को छोड़ेगा, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल होंगे।
इजरायली सेना की वापसी- इजरायली सेना धीरे-धीरे गाजा से हटेगी और वहां एक अंतरराष्ट्रीय बल तैनात होगा।
हमास का निरस्त्रीकरण- सुरंगें, हथियार और मिसाइलें सब खत्म करनी होंगी।
नया प्रशासन- गाजा को एक तकनीकी समिति चलाएगी, जिसमें अंतरराष्ट्रीय नेता भी शामिल होंगे।
पुनर्निर्माण योजना- बड़े पैमाने पर मदद और आर्थिक पैकेज से गाजा को फिर से बसाया जाएगा।
इजराइल ने दी प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस प्लान को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इजरायल कभी फिलिस्तीन को मान्यता देने पर सहमत नहीं होगा। इसमें फिलिस्तीनी राज्य का कोई जिक्र नहीं है। उन्होंने कहा कि इजरायल कभी भी आतंकवाद को इनाम नहीं देगा। देश का दर्जा देना बहुत बड़ी गलती होगी।
इजरायल के वित्त मंत्री ने कहा- ट्रंप की योजना कूटनीतिक असफलता है
वहीं, इजरायल के वित्त मंत्री बेजलेल स्मोट्रिच ने ट्रंप की योजना पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने इसे कूटनीतिक असफलता बताते हुए कहा कि इसमें कतर की बढ़ती भूमिका और गाजा में नई सुरक्षा व्यवस्था इजराइल के लिए खतरनाक होगी।
गौरतलब है कि ट्रंप के मुताबिक अरब और मुस्लिम देशों ने इस शांति योजना पर सहमति जताई है और अब सिर्फ हमास का फैसला बांकी है। सबकी निगाहें हमास पर टिकी हैं। अगर हमास इस प्लान को ठुकराता है तो इजराइल की सैन्य कार्रवाई और तेज हो सकती है।