दिल्ली दंगे मामले में HC का बड़ा फैसला, उमर खालिद, शरजील इमाम समेत अन्य आरोपियों की जमानत की खारिज
फरवरी 2020 में हुए दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।;
नई दिल्ली। दिल्ली में वर्ष 2020 में हुए दंगों से जुड़ी 'बड़ी साजिश' के चर्चित मामले में आज दिल्ली हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। बता दें कि इस केस में मुख्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शालिंदर कौर की बेंच ने शरजील इमाम, उमर खालिद, अतहर खान, अब्दुल खालिद सैफी, मोहम्मद समेत सभी आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया है।
खालिद के वकील ने रखी दलीलें
बता दें कि उमर खालिद की ओर से सीनियर एडवोकेट त्रिदीप पैस ने दलील दी कि सिर्फ वॉट्सऐप ग्रुप में शामिल होना अपराध नहीं है, खासकर जब उन्होंने कोई संदेश नहीं भेजा। उन्होंने कहा कि खालिद से कोई आपत्तिजनक सामग्री या फंड भी बरामद नहीं हुआ है। 23-24 फरवरी 2020 की रात जो मीटिंग 'गुप्त' बताई जा रही है, वह वास्तव में सार्वजनिक थी।
तुषार मेहता ने पेश की अपनी दलील
अभियोजन की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी थी कि यह दुनिया में भारत को बदनाम करने की साजिश थी। ऐसे में सिर्फ इस आधार पर जमानत देना ठीक नहीं होगा कि आरोपी लंबे समय से कैद में हैं। अभियोजन पक्ष ने जमानत याचिका का कड़ा विरोध करते हुए दलील दी कि यह सिर्फ और सिर्फ दंगों का मामला नहीं है बल्कि एक ऐसा मामला है जहां दंगों की साजिश पहले से ही एक भयावह मकसद और सोचे-समझे षडयंत्र के साथ बनाई गई थी।
क्या था पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक फरवरी 2020 में हुए दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। यह हिंसा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान भड़की थी। शरजील इमाम, खालिद सैफी, गुलफिशा फातिमा और अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाएं 2022 से हाई कोर्ट में लंबित थी और समय-समय पर विभिन्न पीठों ने इन पर सुनवाई की।