सजना है मुझे सजना के लिए: आज है हरियाली तीज, जानें पति के लिए व्रत और सोलह श्रृंगार का महत्व
हरियाली, मतलब जहां चारों तरफ हरा भरा छाया हो;
नई दिल्ली। हरियाली तीज का त्यौहार भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। खासतौर पर ये पर्व विवाहित महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। वैसे तीज तीन तरह का होता है- जिनके नाम इस प्रकार हैं हरियाली, कजली और हरितालिका तीज लेकिन सावन में हरियाली तीज मनाया जाता है।
शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर ये व्रत मनाया जाता है
इस दिन महिलाएं अपने पति के लिए व्रत रखती हैं और सोलह श्रृंगार करती हैं। हर साल इसे सावन माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाया जाता है। हरियाली, मतलब जहां चारों तरफ हरा भरा छाया हो।
हरे रंग के कपड़े और गहने पहने जाते हैं
हरियाली तीज का नाम आते ही मन में एक खास सा उत्साह जाग जाता है। यह पर्व सिर्फ पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि महिलाओं के लिए यह एक मौका होता है खुद को सजाने-संवारने का हर कोई चाहता है कि वो सबसे अलग दिखे। लहंगे हो या साड़ी अगर हरे रंग का हो, साथ ही चुड़ियां भी मैचिंग हो तो बात बन जाए।
किसानों के लिए भी खास है सावन मास
सावन में हरियाली तीज आना उस मौसम का प्रतीक है, जब भारतीय किसान मानसून की बारिश का स्वागत करते हैं और फसल के बीज बोते हैं। इसलिए इसे हरे रंग का त्योहार भी कहते हैं।
भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना की जाती है
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना की जाती है। महिलाएं अपने सुहाग यानी पति की लंबी आयु के लिए ये व्रत रखती हैं। ताकि शिव और माता पार्वती की तरह ही उनका दांपत्य जीवन हो, एवं सदा उनका घर आंगन हरा भरा हो।
तीज का भोग
हरियाली तीज पर आप माता पार्वती और भगवान शिव को भोग में फल और मिठाई चढ़ा सकते हैं। कुछ महिलाएं खुद मिठाई और गुझिया बनाती है।