यूपी के इस शहर में सावन में खुली मिली मीट- मछली की दुकानें तो दर्ज होगा मुकदमा, जानें क्या है आदेश
निगम की धारा 91 (1) के तहत सावन में शिवालयों के आसपास मांस-मछली की दुकानों को पूरी तरह बंद कराने का प्रस्ताव पार्षद हनुमान प्रसाद ने कार्यकारिणी में रखा।;
वाराणसी। वाराणसी नगर निगम ने सावन के पवित्र महीने में मांस और मछली की दुकानें खोलने पर प्रतिबंध लगा दिया है। निगम की कार्यकारिणी ने शहर के मीट-मछली की दुकानों को बंद रखने का निर्देश दिया है। साथ ही सावन में यदि कोई मीट-मछली की दुकानें खुली मिली तो निगम उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा कर विधिक कार्रवाई करेगा। सीवर की समस्या के समाधान के लिए क्यूआरटी टीम का गठन किया गया है।
कार्यकारिणी की बैठक में हुआ फैसला
बता दें कि महापौर अशोक कुमार तिवारी की अध्यक्षता में शुक्रवार को नगर निगम के सभागार में हुई कार्यकारिणी की बैठक में 182 वर्ग किलोमीटर के नगरीय सीमा में सावन के दौरान मीट-मछली की दुकानें बंद करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। निगम की धारा 91 (1) के तहत सावन में शिवालयों के आसपास मांस-मछली की दुकानों को पूरी तरह बंद कराने का प्रस्ताव पार्षद हनुमान प्रसाद ने कार्यकारिणी में रखा। उन्होंने कहा कि सावन में दूसरे जिलों से बड़ी संख्या में कांवरियां व दर्शनार्थी काशी आते हैं। वहीं मांस-मछली के दुर्गंध से धार्मिक वातावरण दूषित होता है। ऐसे में सावन में एक माह नगर निगम की सीमा में मांस-मछली की दुकानों पर प्रतिबंध लगाया जाए। कार्यकारिणी ने प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए इसे अमल कराने का निर्देश दिया है। इस क्रम में महापौर ने पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा. संतोष पाल से कार्यकारिणी के आदेश का तत्काल अनुपालन कराने का निर्देश दिया है।
सभी विभागों में अलर्ट मोड रहने का निर्देश
बता दें कि कार्यकारिणी ने सावन में सभी विभागों को अलर्ट मोड रहने का निर्देश दिया है। यह अलर्ट मोड खास तौर पर स्वास्थ्य विभाग, जलकल विभाग, आलोक विभाग, इंजीनियरिंग व जलनिगम को विशेष रूप से अलर्ट रखने को कहा गया है। ताकि कांवर मार्ग व प्रमुख शिवालयों के आसपास साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था, सीवर को दुरुस्त रखने का निर्देश दिया है।
15 प्रमुख शिवालयों के पास 24 घंटे ड्यूटी
कार्यकारिणी ने सावन माह में शहर के प्रमुख 15 शिवालयों के आस-पास कर्मचारियों की 24 घंटे ड्यूटी लगाने का निर्देश दिया है। इसमें श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर, सारंगनाथ मंदिर, मृत्युंजय महादेव, कृतिविश्वेश्वर महादेव, तिलभांडेश्वर महादेव, गौरी केदारेश्वर मंदिर, बैजनत्था मंदिर, बटुक भैरव मंदिर, कर्मदेश्वर महादेव, पांचों पांडव मंदिर, रंगील दास पोखरा स्थित शिवमंदिर, लेढ़ूपुर शिवालय, ओमकालेश्वर महादेव, लाट भैरव मंदिर, आदि केशव मंदिर शामिल है। वहीं कांवर यात्रा व शिवालयों को प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है।