अगर नेत्रों से संबंधित रोग हो तो कर लें ‘माता नेतुला’ का दर्शन, मां देती हैं भक्तों को वरदान, जानें कहां है यह मंदिर

By :  Aryan
Update: 2025-11-22 02:30 GMT

मां नेतुला मंदिर का नाम आपने शायद पहले नहीं सुना होगा। यह मंदिर बिहार के जमुई जिले के कुमार गांव में स्थित है। यह एक शक्तिपीठ ऐसा है जो कि नेत्रों की समस्याओं और पुत्र प्राप्ति के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर का इतिहास लगभग 2600 साल पुराना माना जाता है और यहां कई भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए आते हैं।

पौराणिक महत्व

जमुई जिले के सिकंदरा स्थित मां नेतुला मंदिर का पौराणिक महत्व है। माता भक्तों को नेत्र व पुत्र का वरदान देती हैं। कल्पसूत्र के अनुसार महावीर स्वामी ने गृहत्याग के बाद यहीं पहला रात्रि विश्राम किया था।

स्थान

 बिहार के जमुई जिला कुमार गांव में स्थित

धार्मिक महत्व

यह एक शक्तिपीठ है। जो कि नेत्रों से संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए प्रसिद्ध है।

 परंपरा

कई भक्त मन्नतें मांगने और नेत्र रोग से मुक्ति पाने के लिए यहां आते हैं, खासकर नवरात्र के दौरान।

ऐतिहासिक संबंध

ऐसा माना जाता है कि भगवान महावीर ने ज्ञान प्राप्ति के लिए निकलने के बाद अपना पहला रात्रि विश्राम इसी मंदिर के पास एक वट वृक्ष के नीचे किया था।

 आवागमन की सुविधा

जमुई रेलवे स्टेशन और लखीसराय से मंदिर की दूरी लगभग 30 किलोमीटर है। यहां बस या छोटे वाहनों से पहुंचा जा सकता है।


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