केदारनाथ धाम यात्रा: 30 दिन में 200 करोड़ का कारोबार, जानें कमाई करने में घोड़ा रहा आगे या हेलीकॉप्टर

फायदे में चल रहा है बिजनेस, 100 करोड़ से अधिक का हुआ व्यापार;

Update: 2025-06-01 14:39 GMT

 देहरादून। श्री केदारनाथ धाम यात्रा हर वर्ष नया रिकॉर्ड बना रही है। जून का महीना शुरू होने के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसका स्थानीय व्यापारियों एवं महिला स्वयं सहायता समूहों को पूरा लाभ मिल रहा है। यात्रा के दौरान कमाई करने में घोड़ा खच्चर ने हेली सेवा को पीछे छोड़ दिया है।

7 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

इस साल 2 मई को बाबा केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुल गए थे। आज यानी रविवार 01 जून को बाबा के दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या 07 लाख पार हो चुकी है। पिछले एक महीने का औसत निकला जाए तो प्रतिदिन 24 हजार श्रद्धालु बाबा के दर्शनों को केदारपुरी पहुंचे हैं। 

घोड़ा -खच्चर संचालन से 40.5 करोड़ रुपए की आय

केदारनाथ धाम यात्रा काफी कठिन है। करीब 20 किलोमीटर का पैदल मार्ग पार करने के बाद हिमालय पर्वत की गोद में बसे 11 वें ज्योतिलिंग के दर्शन हो पाते हैं। इस कठिन पैदल धार्मिक यात्रा में घोड़ा -खच्चरों का बेहद अहम योगदान होता है। असमर्थ एवं बुजुर्ग भक्त अक्सर इन्हीं के माध्यम से यात्रा करते हैं। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ आशीष रावत ने बताया कि 31 मई तक 1,39,444 तीर्थलु घोड़े खच्चरों के माध्यम से दर्शनों को पहुंचे हैं जिसके माध्यम से 40 करोड़ 50 लाख से अधिक की आय प्राप्त हुई है। 

हेली सेवाओं ने किया 35 करोड़ का कारोबार

जिला पर्यटन अधिकारी एवं नोडल हेली सेवा राहुल चौबे ने बताया कि इस वर्ष आठ हेली कंपनियां नौ हेलीपैड से अपना संचालन कर रही हैं। 31 मई तक लगभग 33000 श्रद्धालु हेली सेवाओं के माध्यम से बाबा केदारनाथ धाम पहुंचे हैं जिससे करीब 35 करोड़ रुपए की आय प्राप्त हुई है। चौबे ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि हेली बुकिंग के लिए आईआरसीटीसी की आधिकारिक वेबसाइट से ही बुकिंग की जाए।

होटलों ने किया 100 करोड़ से अधिक का कारोबार

श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग एवं केदारपुरी में श्रद्धालुओं की ठहरने की व्यवस्था जीएमवीएन एवं स्थानीय व्यापारी करते हैं। श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग से लेकर केदारपुरी तक स्थानीय लोगों के सैकड़ों होटल, टेंट एवं रेस्तरां हैं जिनमें ठहरने एवं खाने के लिए श्रद्धालु रुकते हैं। व्यापार संघ अध्यक्ष गौरीकुंड रामचंद्र गोस्वामी ने कहा कि श्री केदारनाथ धाम यात्रा का स्वरूप हर वर्ष बढ़ता जा रहा है। इस वर्ष भी ऐतिहासिक रूप से यात्रा चल रही है, अकेले गौरीकुंड में करीब 350 प्रतिष्ठान हैं जहां श्रद्धालुओं के रहने- खाने की व्यवस्था होती है। 

श्री केदारनाथ धाम यात्रा पर आने वाले एक यात्री का रहने एवं खाने का औसत खर्चा 1500 से 2000 रुपए न्यूनतम होता है। इसमें कुछ लोग अपने खाने की व्यवस्था स्वयं करते हैं। एक महीने में यात्रा पर पहुंचे 7 लाख श्रद्धालुओं के हिसाब से औसत निकाला जाए तो 100 करोड़ रुपए होटल एवं रेस्तरां प्रतिष्ठानों ने कारोबार कर लिया है। उधर, जीएमवीएन के रीजनल मैनेजर गिरवीर रावत ने बताया कि जीएमवीएन के 15 प्रतिष्ठान केदारनाथ यात्रा मार्ग पर हैं जिसमें जिसमें ध्यान गुफा भी शामिल हैं। इन सभी में मिलकर एक महीने में 3 करोड़ 80 लाख 1582 रुपए का राजस्व प्राप्त किया है।

मुख्यमंत्री धामी ने क्या कहा

श्री केदारनाथ धाम यात्रा उत्तराखंड की आस्था और संस्कृति की धुरी बन चुकी है। सरकार का लक्ष्य केवल तीर्थयात्रियों को सुविधाएं देना नहीं, बल्कि स्थानीय युवाओं, महिलाओं एवं व्यापारियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना भी है। हम प्रयासरत हैं कि यात्रा सुरक्षित, सुगम और समृद्ध बनाने की दिशा में हर संभव कदम उठाएं।


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