लालू ने पूर्व सांसद डॉ. रंजन प्रसाद यादव को दी बड़ी जिम्मेदारी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया...दोनों की दोस्ती में लौटी मिठास

राष्ट्रीय कार्यकारिणी पार्टी की सबसे बड़ी निर्णायक इकाई है;

By :  Aryan
Update: 2025-07-29 10:20 GMT

पटना। पूर्व सांसद डॉ. रंजन प्रसाद यादव फिर से एक बार राजद की राजनीति में लौट आए हैं। राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के द्वारा आज उनको पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया है।

राजद सुप्रीमो लालू और राबड़ी देवी के शासनकाल में रंजन यादव की अहम भूमिका थी

राजद सुप्रीमो लालू और राबड़ी देवी के शासनकाल में रंजन यादव की अहम भूमिका थी। राष्ट्रीय कार्यकारिणी पार्टी की सबसे बड़ी निर्णायक इकाई है। रंजन यादव के देखरेख में महत्वपूर्ण नियुक्तियां होती थी। शिक्षा विभाग के कार्य भी उनकी देख-रेख में होते थे।

राजद की स्थापना 1997 में हुई थी

राजद की स्थापना जनता दल के विभाजन के बाद 1997 में हुई थी। जिसके अध्यक्ष लालू प्रसाद बने और रंजन यादव कार्यकारी अध्यक्ष बने थे।

लालू प्रसाद और रंजन यादव के बीच आई थी दरार

जानकारी के मुताबिक, पशुपालन घोटाला के मामले में जब लालू और उनका परिवार त्रासदी से गुजर रहा था, तब रंजन यादव की लालसा स्वयं सीएम बनने की हो गई थी। रंजन यादव अपने आवास पर विधायकों की बैठक लगाते थे, बैठक में राज्य सरकार के लिए ब्लू प्रिंट तैयार होता था। इस मामले की बाबत जानकारी लालू प्रसाद को हुई, फिर रंजन यादव को राजद के कार्यकारी अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। मनमुटाव के बाद दोनों की मित्रता में कड़वाहट आ गई।

रंजन यादव पिछले साल मई में राजद से जुड़े थे

रंजन यादव पिछले साल मई में राजद से जुड़े थे। मंगलवार को उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बनाने की घोषणा की गई। चुनावी राजनीति में रंजन यादव के सक्रिय होने की संभावना ना के बराबर है, क्योंकि वो 80 साल के हैं।


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