अंधेपन के लिए कारक इंफेक्शन को लाइट-बेस्ड सर्जरी के किया जा सकता है दूर

यह संक्रमण तब होता है जब आंख की पारदर्शी परत यानी कॉर्निया में बैक्टीरिया, फंगस, वायरस या खास तौर पर एक अमीबा (Acanthamoeba) प्रवेश करता है।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-06-15 21:30 GMT

संक्रमित पानी के संपर्क में आने से होने वाले एक गंभीर नेत्र संक्रमण के इलाज में अब रोशनी से इलाज (लाइट थेरेपी) एक नई उम्मीद बनकर सामने आई है। हैदराबाद के एलवी प्रसाद आई इंस्टीट्यूट के नेत्र विशेषज्ञों ने ‘रोज बेंगाल’ नामक डाई और विशेष प्रकाश के संयोजन से एक नई तकनीक विकसित की है, जिससे इस जटिल संक्रमण का इलाज संभव हो पाया है।

यह संक्रमण तब होता है जब आंख की पारदर्शी परत यानी कॉर्निया में बैक्टीरिया, फंगस, वायरस या खास तौर पर एक अमीबा (Acanthamoeba) प्रवेश करता है। इससे आंखों में जलन, धुंधलापन और गंभीर मामलों में अंधापन हो सकता है। इस स्थिति को 'अकैंथअमीबा केराटाइटिस' (AK) कहा जाता है, जिसका इलाज मुश्किल होता है और कई बार कॉर्निया ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है।

संस्थान के शोधकर्ताओं का कहना है कि पारंपरिक उपचार के बाद भी कई मरीजों की दृष्टि पूरी तरह वापस नहीं आ पाती और उन्हें आगे चलकर फिर से सर्जरी करानी पड़ती है। इसी चुनौती के बीच उन्होंने एक वैकल्पिक उपचार खोजा, जिसे 'फोटोडायनामिक थेरेपी' (PDAT) कहा जाता है। इसमें एक विशेष प्रकार की प्रकाश-संवेदनशील डाई और प्रकाश का इस्तेमाल कर संक्रमण को दूर किया जाता है।

इस तकनीक पर आधारित अध्ययन मार्च 2025 में ‘जर्नल ऑफ ऑप्थैलमिक इंफ्लेमेशन एंड इंफेक्शन’ में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन में पाया गया कि रोज बेंगाल नामक डाई को जब हल्के प्रकाश के संपर्क में लाया गया, तो उसने संक्रमण फैलाने वाले सूक्ष्मजीवों को खत्म कर दिया।

इस उपचार में 14 मरीजों को शामिल किया गया था, जिन्हें सामान्य दवाओं के साथ PDAT-RB थेरेपी दी गई। इसमें 0.1% रोज बेंगाल घोल का उपयोग कर हफ्ते में दो बार इलाज किया गया। नतीजे उत्साहजनक रहे — 85.7 प्रतिशत मरीजों में संक्रमण पूरी तरह ठीक हो गया और केवल 14.3 प्रतिशत को ही सर्जरी की आवश्यकता पड़ी, जबकि पहले ऐसे मामलों में 30 से 40 प्रतिशत लोगों को कॉर्निया ट्रांसप्लांट कराना पड़ता था।

शोधकर्ताओं का मानना है कि यह तकनीक भविष्य में और बेहतर परिणाम दे सकती है और ऐसे मरीजों के लिए आशा की किरण बन सकती है, जो इस कठिन संक्रमण से जूझ रहे हैं।

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