Holiday Heart Syndrome: छुट्टियों के दौरान बढ़ जाते हैं हार्ट अटैक और दिल की बीमारियों के खतरे, जानें बचाव के उपाय
छुट्टियों के दौरान हार्ट अटैक और दिल की बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ जाते हैं। चिकित्सा विज्ञान में इसे 'हॉलिडे हार्ट सिंड्रोम' (Holiday Heart Syndrome) कहा जाता है। इसके मुख्य कारणों पर एक विस्तृत रिपोर्ट:
1. खान-पान में लापरवाही (Dietary Slip-ups)
त्योहारों और छुट्टियों में लोग अक्सर अत्यधिक नमक, चीनी और सैचुरेटेड फैट वाला भोजन करते हैं। ज्यादा नमक शरीर में पानी के ठहराव (Water Retention) का कारण बनता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और दिल पर दबाव पड़ता है।
2. शराब का अधिक सेवन (Excessive Alcohol)
छुट्टियों की पार्टियों में शराब का सेवन सामान्य से अधिक हो जाता है। बहुत अधिक शराब पीने से दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है, जिसे 'एट्रियल फाइब्रिलेशन' (AFib) कहते हैं। यह सीधे तौर पर स्ट्रोक और हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाता है।
3. 'हॉलिडे स्ट्रेस' (Holiday Stress)
छुट्टियों को "खुशी का समय" माना जाता है, लेकिन यात्रा की योजना, मेहमानों की मेजबानी और आर्थिक दबाव के कारण मानसिक तनाव बढ़ जाता है। तनाव हार्मोन (Cortisol) बढ़ने से धमनियों में सूजन आ सकती है, जो हार्ट अटैक का कारण बनती है।
4. कड़ाके की ठंड (Cold Weather Effect)
क्रिसमस और नए साल जैसी छुट्टियां सर्दियों में आती हैं। ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं (Blood Vessels) सिकुड़ जाती हैं, जिससे हृदय को शरीर में खून पंप करने के लिए दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है। इससे ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ जाता है।
5. लक्षणों को नजरअंदाज करना
छुट्टियों के दौरान लोग अक्सर सीने में दर्द या बेचैनी को 'एसिडिटी' समझकर नजरअंदाज कर देते हैं क्योंकि वे उत्सव खराब नहीं करना चाहते। इलाज में यह देरी जानलेवा साबित होती है।
प्रमुख चेतावनी संकेत (Symptoms)शरीर हार्ट अटैक से पहले कुछ संकेत देता है, जिन्हें नजरअंदाज करना जानलेवा हो सकता है:सीने में दबाव: छाती के बीच में भारीपन या जकड़न महसूस होना।
पसीना: बिना किसी शारीरिक मेहनत के अचानक ठंडा पसीना आना।सांस फूलना: सामान्य चलने या काम करने पर भी सांस लेने में तकलीफ।दर्द का फैलना: दर्द का छाती से निकलकर गर्दन, जबड़े, पीठ या बाएं हाथ तक जाना।
अत्यधिक थकान: बिना कारण कमजोरी और चक्कर आना।खतरे के मुख्य कारण (Risk Factors)विशेषज्ञों के अनुसार, आधुनिक जीवनशैली ही दिल की दुश्मन बन रही है:खराब
खान-पान: अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड, अत्यधिक नमक और चीनी का सेवन।तनाव (Stress): कोर्टिसोल हार्मोन का बढ़ना सीधे बीपी और दिल पर असर डालता है।
सर्दियों का असर: ठंड में नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे बीपी बढ़ता है और अटैक का खतरा ज्यादा होता है।
शारीरिक निष्क्रियता: दिनभर बैठे रहना और व्यायाम की कमी।
बचाव के लिए 5 जरूरी कदम
नियमित चेक अपबीपी, कोलेस्ट्रॉल और शुगर लेवल को नियंत्रण में रखें। 30 मिनट व्यायामतेज पैदल चलना या योग हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करता है। हेल्दी डाइटहरी सब्जियां, फल और ओमेगा-3 (नट्स) शामिल करें। बुरी आदतें छोड़ें धूम्रपान और शराब से पूरी तरह दूरी बनाएं। पर्याप्त नींद रोजाना 7-8 घंटे की गहरी नींद तनाव कम करती है।