Monsoon Session: टेबल तोड़ देंगे, विधेयक को फाड़ देंगे! हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित

सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि जिन राज्यों में भाजपा के मुख्यमंत्री या मंत्री नहीं हैं, उन्हें सत्ता से हटाने का एक और तरीका इस सरकार द्वारा लाया जा रहा है।;

Update: 2025-08-20 05:59 GMT

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में आज जोरदार हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही को 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया। बता दें कि केंद्र सरकार लोकसभा में तीन महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने जा रही है। इनका उद्देश्य प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या केंद्र शासित प्रदेश के मंत्री को गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी या हिरासत की स्थिति में पद से हटाना है।

दोनों सदनों की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित

बता दें कि भारी हंगामे के बीच राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित हो गई है। जिसके बाद दोबारा से कार्यवाही शुरू होगी।

विपक्ष ने किया जमकर विरोध

जानकारी के मुताबिक विपक्ष ने इस बिल पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसका बिल का कड़ा विरोध करने की धमकी दी है। मीडिया से बात करते हुए एक विपक्षी सांसद ने इस विधेयक का कड़ा विरोध करने की बात कही और धमकी दी कि जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसे लोकसभा में पेश करेंगे तो वे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। सांसद ने सत्र शुरू होने से पहले ये चेतावनी दी, "हम इसे पेश भी नहीं होने देंगे। हम टेबल को तोड़ देंगे और विधेयक को फाड़ देंगे।"

असदुद्दीन ओवैसी ने विधेयक के विरोध में लोकसभा में दिया नोटिस

एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किए जाने का विरोध करने के लिए लोकसभा में नोटिस दिया। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किए जाने का विरोध करने और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किए जाने के विरोध में लोकसभा में नोटिस दिया।

सपा सांसद राम गोपाल यादव विधेयक को लेकर क्या बोले

गंभीर आपराधिक आरोपों में घिरे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने संबंधी विधेयक पर सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि अगर किसी पर कोई आरोप न भी हो, तो भी आरोप लगाए जा सकते हैं और इस सरकार में लगाए भी जा रहे हैं। लोगों को झूठे और गंभीर आरोपों में जेल में डाला जा रहा है। जिन राज्यों में भाजपा के मुख्यमंत्री या मंत्री नहीं हैं, उन्हें सत्ता से हटाने का एक और तरीका इस सरकार द्वारा लाया जा रहा है।

लोकतांत्रिक मानदंड अब बचे ही नहीं हैं। जो लोग यह विधेयक ला रहे हैं, उन्हें एक बात समझ नहीं आ रही है कि एक बार सत्ता से बाहर जाने के बाद वे वापस नहीं आएंगे। उनके अपने ही लोगों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया है। 

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