अब गाड़ियों पर नए GST रेट्स लागू: छोटी कारों पर घटा टैक्स, SUV पर तय हुआ नया स्लैब

भारत सरकार ने ऑटोमोबाइल उद्योग की एक बड़ी मांग को पूरा करते हुए गाड़ियों पर जीएसटी दरों में बदलाव कर दिया है। यह फैसला 56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक में लिया गया।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-09-04 19:30 GMT

भारत सरकार ने ऑटोमोबाइल उद्योग की एक बड़ी मांग को पूरा करते हुए गाड़ियों पर जीएसटी दरों में बदलाव कर दिया है। यह फैसला 56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक में लिया गया।

छोटी कारों पर 28% से घटकर 18% हुआ टैक्स

काउंसिल ने तय किया है कि अब छोटी कारों पर जीएसटी केवल 18% लगेगा। पहले यह दर 28% थी। छोटी कार की परिभाषा इस प्रकार तय की गई है:

लंबाई 4 मीटर से कम

इंजन क्षमता: पेट्रोल/CNG/LPG में 1,200cc से कम और डीजल में 1,500cc से कम

यह कदम मारुति ऑल्टो (Alto), टाटा नेक्सॉन (Tata Nexon) जैसी एंट्रीलेवल और मिडसेगमेंट गाड़ियों को खरीदना सस्ता बनाएगा।

बड़ी कारों और SUV पर नया 40% स्लैब

एसयूवी और बड़ी गाड़ियों पर अब 40% जीएसटी दर लागू होगी। हालांकि, इन पर अब कोई अतिरिक्त सेस (cess) नहीं लगेगा। इससे महिंद्रा थार (Mahindra Thar) जैसी गाड़ियों की कीमतों में भी कमी आने की संभावना है।

इलेक्ट्रिक वाहनों पर रहेगा 5% टैक्स

सरकार ने साफ किया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) पर टैक्स में कोई बदलाव नहीं होगा। उन पर 5% जीएसटी ही लागू रहेगा। यह कदम ईवी सेक्टर को और बढ़ावा देने वाला साबित होगा।

ऑटो पार्ट्स पर भी 18% GST

वाहन के प्रकार से फर्क किए बिना अब सभी ऑटो कंपोनेंट्स पर 18% जीएसटी लागू होगा। इससे लंबे समय से चली आ रही क्लासिफिकेशन से जुड़ी समस्याएं भी खत्म हो जाएंगी।

ऑटो इंडस्ट्री और उपभोक्ताओं को फायदा

EY इंडिया के ऑटोमोटिव टैक्स लीडर सौरभ अग्रवाल ने कहा कि यह कदम न केवल गाड़ियों को सस्ता बनाएगा बल्कि उद्योग के लिए जटिलताओं को भी कम करेगा।

वहीं, SIAM (सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स) के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा ने कहा कि यह फैसला खासकर एंट्रीलेवल कारों को और सुलभ बनाएगा और इससे पहली बार कार खरीदने वाले और मध्यमवर्गीय परिवारों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा।

क्यों अहम है यह फैसला?

भारत भले ही दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार बाजार है, लेकिन यहां प्रति 1000 लोगों पर सिर्फ 3234 कारें ही हैं। सरकार का मानना है कि जीएसटी दरों में कटौती से कार खरीदने की क्षमता बढ़ेगी और इससे पर्सनल मोबिलिटी को बढ़ावा मिलेगा।

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