देर रात तक जागने वालों में उम्र बढ़ने के साथ याददाश्त कमजोर होने का खतरा ज्यादा: अध्ययन

नीदरलैंड्स के यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर ग्रोनिंगन के शोधकर्ताओं ने करीब 23,800 लोगों पर 10 साल तक अध्ययन किया। इसमें यह देखा गया कि जिनकी नींद का समय देर रात का होता है, उनमें मानसिक क्षमताएं तेजी से घटती हैं। यह अध्ययन 'द जर्नल ऑफ प्रिवेंशन ऑफ अल्ज़ाइमर्स डिज़ीज़' में प्रकाशित हुआ है।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-06-03 21:30 GMT

एक अध्ययन में सामने आया है कि जो लोग देर रात तक जागते हैं और सुबह देर से उठते हैं, उनमें उम्र बढ़ने के साथ याददाश्त कमजोर होने की संभावना अधिक होती है। यह तुलना उन लोगों से की गई है जो सुबह जल्दी उठते हैं और जल्दी सोते हैं।

नीदरलैंड्स के यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर ग्रोनिंगन के शोधकर्ताओं ने करीब 23,800 लोगों पर 10 साल तक अध्ययन किया। इसमें यह देखा गया कि जिनकी नींद का समय देर रात का होता है, उनमें मानसिक क्षमताएं तेजी से घटती हैं। यह अध्ययन 'द जर्नल ऑफ प्रिवेंशन ऑफ अल्ज़ाइमर्स डिज़ीज़' में प्रकाशित हुआ है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि रात में जागने वाले लोगों में धूम्रपान, शराब पीने और अस्वस्थ खानपान जैसी आदतें अधिक देखी जाती हैं। इसके साथ ही वे व्यायाम भी कम करते हैं। शोध में यह भी पाया गया कि स्मोकिंग और खराब नींद के कारण मानसिक गिरावट का 25% खतरा बढ़ जाता है।

जिन लोगों की शिक्षा का स्तर ऊंचा था, उनमें भी यदि उनकी नींद का समय एक घंटे देरी से शुरू होता था, तो हर दशक में उनकी मानसिक क्षमता में 0.8 की गिरावट देखी गई।

अध्ययन के अनुसार, जो लोग देर रात तक जागते हैं लेकिन उन्हें सुबह जल्दी काम पर जाना होता है, उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती। इससे दिमाग को पूरा आराम नहीं मिलता, और समय के साथ मानसिक थकावट बढ़ती है।

शोधकर्ता अना वेंज्लर ने बताया कि लोगों की जैविक घड़ी उम्र के साथ बदलती है। बचपन में ज्यादातर लोग सुबह जल्दी उठते हैं, लेकिन किशोरावस्था में उनका स्वभाव देर रात तक जागने का हो जाता है। बीस की उम्र के बाद यह धीरे-धीरे फिर से सुबह जल्दी उठने की ओर लौटता है। हालांकि यह हर किसी के साथ नहीं होता।

वेंज्लर ने सुझाव दिया कि शरीर की प्राकृतिक घड़ी के अनुसार जीवनशैली को ढालना बेहतर होता है। उन्होंने कहा कि अगर किसी का शरीर नींद के लिए तैयार नहीं है, तो जबरदस्ती जल्दी सोने की कोशिश करना फायदेमंद नहीं होगा। साथ ही यह भी कहा कि यदि किसी को मजबूरी में सुबह जल्दी उठना पड़ता है, तो उनका दिमाग पूरी तरह से आराम नहीं कर पाता और इससे उनकी आदतें भी प्रभावित हो सकती हैं। इसलिए उन्होंने सलाह दी कि देर रात सोने वालों को काम की शुरुआत का समय लचीला दिया जाना चाहिए।

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