Parliament Winter: पीएम मोदी ने बताया किस हालात में लिखे गए थे वंदे मातरम्, यह कहकर कांग्रेस पर साधा निशाना
नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र जारी है। अब तक बीते पांच दिनों में से तीन दिन हंगामेदार रहे हैं। लोकसभा से बिलों को पास कर उन्हें राज्यसभा भेजा गया है। इस बीच SIR, BLO की मौतों का मुद्दा, इंडिगो संकट और प्रदूषण का मुद्दा हावी रहा। आज से संसद में वंदे मातरम् पर चर्चा हो रही है। पीएम मोदी सदन में चर्चा की शुरुआत की है। पीएम मोदी ने कहा कि वंदे मातरम् के यात्रा की शुरूआत 1875 में हुई थी। बंकिम चंद्र चटोपाध्याय ने 1882 में अपने उपन्यास आनंद मठ में इस रचना को पिरोया था।
इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जिस मंत्र ने, जिस जयघोष ने देश की आजादी के आंदोलन को ऊर्जा दी थी, प्रेरणा दी थी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था, उस वंदे मातरम का पुण्य स्मरण करना हमारा सौभाग्य है। गर्व की बात है कि वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि किस हालात में वंदे मातरम् गाना की रचना की गई थी।
अब हम वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं
PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि वंदे मातरम एक मंत्र है, एक नारा है जिसने आजादी के आंदोलन को ऊर्जा दी, प्रेरणा दी और त्याग और तपस्या का रास्ता दिखाया। यह गर्व की बात है कि हम वंदे मातरम के 150 साल के गवाह बन रहे हैं। यह एक ऐतिहासिक पल है। यह एक ऐसा समय है जब कई ऐतिहासिक घटनाओं को मील के पत्थर के तौर पर मनाया जा रहा है। हमने हाल ही में अपने संविधान के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाया। देश सरदार पटेल और बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मना रहा है। हम गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस भी मना रहे हैं। अब हम वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।
हमारे अतीत के उस महान हिस्से को फिर से स्थापित करने का एक अवसर है
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब वंदे मातरम के 50 साल पूरे हुए, तब भारत ब्रिटिश राज के अधीन था। जब वंदे मातरम के 100 साल पूरे हुए, तब भारत इमरजेंसी की गिरफ्त में था... उस समय, देशभक्तों को जेल में डाल दिया गया था। जब वह गीत जिसने हमारे स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित किया, दुर्भाग्य से, भारत एक काला दौर देख रहा था.... वंदे मातरम के 150 साल उस गर्व और हमारे अतीत के उस महान हिस्से को फिर से स्थापित करने का एक अवसर है... इस गीत ने हमें 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।