पुतिन ने कहा संकट के समय रूस ईरान के साथ...लेकिन जंग में रूस के न्यूट्रल रहने के पीछे का कारण पुतिन ने ये बताया
रूसी राष्ट्रपति पुतिन का कहना है कि रूस सीधे तौर पर इस तनाव में नहीं उतर सकता है।;
नई दिल्ली। ईरान और इजरायल के बीच तनाव काफी बढ़ता जा रहा है। वहीं इस जंग में अमेरिका की भी एंट्री हो गई है। ऐसे में रूस को लेकर सवाल उठ रहा है कि वह ईरान का साथ देने के लिए आगे क्यों नहीं आया? वहीं रूस को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं , अब सभी सवालों का रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुलकर जवाब दिया है।
इजरायल की एक बड़ी जनसंख्या रूसी भाषा बोलती है
रूसी राष्ट्रपति पुतिन का कहना है कि रूस सीधे तौर पर इस तनाव में नहीं उतर सकता है। इसकी वजह इजरायल में रहने वाले रूसी भाषा के लोग हैं, जिनकी जान खतरे में आ सकती है। उनका कहना है कि रूस और ईरान के संबंध दशकों पुराने हैं। हालांकि, ईरान और इजरायल के हालिया तनाव पर पुतिन न्यूट्रल रहने की कोशिश कर रहे हैं। ईरान लगातार इजरायली शहरों को निशाना बना रहा है
बता दें कि राष्ट्रपति पुतिन का यह बयान ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद सामने आया है। अमेरिका ने बीते दिन ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर बमबारी की है। अमेरिकी हमले के बाद से ईरान लगातार इजरायली शहरों को निशाना बना रहा है।
फैसला लेने से पहले इस तथ्य को याद रखना होगा
सेंट पीटर्सबर्ग में इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम के दौरान पुतिन ने कहा कि मैं आप सभी को बताना चाहता हूं कि सोवियत संघ और रूस के लगभग 2 मिलियन (20 लाख) से ज्यादा लोग इजरायल में रहते हैं। आज वो एक तरह से रूसी बोलने वाला देश है और इसमें कोई शक नहीं है कि हमें कोई भी फैसला लेने से पहले इस तथ्य को याद रखना होगा।
रूस और ईरान की दोस्ती पर शक करने का सवाल ही खड़ा नहीं होता
राष्ट्रपति पुतिन ने ईरान के साथ रूस के संबंधों पर बात करते हुए कहा कि रूस के न सिर्फ अरब देशों बल्कि सभी इस्लामिक देशों के साथ भी अच्छे संबंध हैं। रूस की 15 प्रतिशत जनसंख्या मुस्लिम है। रूस OIC का सदस्य है। इसलिए रूस और ईरान की दोस्ती पर शक करने का सवाल ही खड़ा नहीं होता।