चिलिका झील में दिखा ‘हातियसुंधा’ – हवा और पानी के संगम से बना अनोखा बवंडर, पर्यटकों में मचा हड़कंप

झील के ऊपर अचानक पानी और हवा का एक विशाल घूमता हुआ स्तंभ बना, जिसने कुछ ही मिनटों में सबका ध्यान खींच लिया।;

By :  DeskNoida
Update: 2025-10-11 21:30 GMT

ओडिशा की प्रसिद्ध चिलिका झील में शनिवार को एक बेहद दुर्लभ और चौंकाने वाली प्राकृतिक घटना देखने को मिली। झील के ऊपर अचानक पानी और हवा का एक विशाल घूमता हुआ स्तंभ बना, जिसने कुछ ही मिनटों में सबका ध्यान खींच लिया। इस दृश्य को स्थानीय लोग ‘हातियसुंधा’ कह रहे हैं, जिसका अर्थ है — हाथी की सूंड जैसा बवंडर।

यह घटना झील के कालिजाई क्षेत्र के पास हुई, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक और मछुआरे मौजूद थे। अचानक आसमान में काले बादलों के बीच एक घूमता हुआ जलस्तंभ दिखाई दिया, जो नीचे से झील के पानी को खींचते हुए ऊपर की ओर जा रहा था। कुछ ही मिनटों में यह बवंडर धीरे-धीरे खत्म हो गया, लेकिन वहां मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई।

स्थानीय प्रशासन ने बताया कि इस घटना में किसी के हताहत या नुकसान की कोई सूचना नहीं है। मछुआरों को एहतियातन कुछ समय तक झील में न जाने की सलाह दी गई है।

मौसम विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार, यह घटना वास्तव में एक वॉटरस्पाउट (Waterspout) थी। जब गर्म और नम हवा ठंडी हवा से टकराती है, तो वातावरण में कम दबाव का क्षेत्र बनता है और हवा घूमने लगती है। ऐसे में अगर यह प्रक्रिया किसी जलाशय के ऊपर होती है, तो हवा और पानी मिलकर एक घूमता हुआ स्तंभ बना देते हैं, जिसे वॉटरस्पाउट कहा जाता है।

हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण अब ऐसी घटनाएँ भारत के तटीय इलाकों में अधिक बार देखने को मिल सकती हैं। उन्होंने कहा कि चिलिका झील का पारिस्थितिक तंत्र बेहद संवेदनशील है और यहां के तापमान और नमी में हो रहे बदलावों का असर स्थानीय मौसम पर पड़ सकता है।

सोशल मीडिया पर इस घटना के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। पर्यटक और स्थानीय लोग “हातियसुंधा” के इस नजारे को आश्चर्य और डर दोनों के साथ याद कर रहे हैं।

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