दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण से गर्भ में पल रहे बच्चों को भी खतरा, आईआईटी दिल्ली अध्ययन में चौंकाने वाला हुआ खुलासा

Update: 2025-11-06 15:00 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से लोगों का हाल बेहाल है। यहां तक कि बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इससे कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। खासकर सांस में तकलीफ हो रही है। बच्चे, युवा और बुजुर्ग ही नहीं बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चों को भी इसका खतरा है। दरअसल, आईआईटी दिल्ली अध्ययन में चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है।

गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों पर गंभीर असर पड़ता है

आईआईटी दिल्ली और अन्य प्रमुख संस्थानों द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि गर्भावस्था के दौरान पीएम 2.5 का स्तर बढ़ने से बच्चों के जन्म में समय से पहले पैदा होने और कम वजन के साथ जन्म लेने की संभावना बढ़ जाती है। अध्ययन के अनुसार, जब हवा में पीएम 2.5 का स्तर 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ऊपर जाता है, तो इससे गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों पर गंभीर असर पड़ता है। अध्ययन में यह पाया गया कि हर 10 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पीएम 2.5 के बढ़ने पर कम वजन वाले बच्चों के जन्म की दर में 5 फीसदी और समय से पहले जन्म की दर में 12 फीसदी तक वृद्धि हो जाती है।

प्रतिरोधक क्षमता पर डाल सकती है प्रभाव

डॉक्टरों के अनुसार गर्भ में बच्चे की सभी शारीरिक संरचनाएं एक निश्चित समय अवधि के दौरान विकसित होती हैं। इस दौरान यदि किसी भी तरह की बाहरी नकारात्मक परिस्थिति, जैसे प्रदूषित हवा, शरीर में प्रवेश करती है, तो यह सीधा बच्चे के अंगों के विकास, फेफड़ों की क्षमता, दिमागी विकास और प्रतिरोधक क्षमता पर प्रभाव डाल सकती है। 

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