भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष पर जल्द फैसला, दिल्ली में शीर्ष नेताओं की बैठक से बढ़ी अटकलें

यह बैठक ऐसे वक्त में हुई है जब पार्टी ने बहुतेरे राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरे कर लिये हैं, जिससे नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा का रास्ता लगभग साफ माना जा रहा है।;

Update: 2025-12-03 16:11 GMT

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और संगठन महासचिव बी.एल. संतोष के बीच हुई महत्वपूर्ण बैठक के बाद अटकलों का दौर एक बार फिर गर्म हो गया है। यह बैठक ऐसे वक्त में हुई है जब पार्टी ने बहुतेरे राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरे कर लिये हैं, जिससे नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा का रास्ता लगभग साफ माना जा रहा है।

भाजपा के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले कम-से-कम 50 प्रतिशत राज्यों में संगठनात्मक चुनावों का पूरा होना अनिवार्य है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक यह प्रक्रिया अब पूरी हो चुकी है, जिसके बाद नेतृत्व परिवर्तन की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है । हालांकि, पार्टी की ओर से अभी तक किसी भी नाम पर आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।

इस बीच, कई नेताओं के नाम संभावित दावेदारों के रूप में तेजी से उभर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पूर्व मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को शीर्ष दावेदारों में माना जा रहा है, जबकि देवेंद्र फडणवीस, बी.एल. संतोष और वी.डी. शर्मा को ‘डार्क हॉर्स’ के तौर पर देखा जा रहा है, जो अचानक पार्टी की ओर से बड़ा दांव साबित हो सकते हैं ।

पार्टी सूत्रों का मानना है कि नेतृत्व परिवर्तन को लेकर भाजपा जल्दबाज़ी नहीं करना चाहती, लेकिन शीर्ष नेताओं की हालिया बैठकों ने इस संभावना को मजबूत कर दिया है कि नए अध्यक्ष का ऐलान 15 दिसंबर से पहले हो सकता है। यह भी माना जा रहा है कि ‘‘खरमास’’ शुरू होने से पहले पार्टी यह औपचारिकता पूरी करना चाहती है, क्योंकि पारंपरिक रूप से इस अवधि में बड़े राजनीतिक निर्णयों से परहेज किया जाता है ।

जानकारों का कहना है कि भाजपा हमेशा से अपने नेतृत्व परिवर्तन को गोपनीय रणनीति के साथ अंजाम देती रही है। ऐसे में इस बार भी पार्टी ऐसा नाम चुन सकती है, जिसकी उम्मीद राजनीतिक विश्लेषकों ने न की हो। भाजपा की पसंद आमतौर पर ऐसा चेहरा होती है, जो संगठनात्मक मजबूती, चुनावी रणनीति और प्रधानमंत्री मोदी की राजनीतिक दृष्टि से तालमेल रखने वाला हो।

वर्तमान अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2025 तक था, जिसे लोकसभा चुनावों के चलते बढ़ा दिया गया था। अब पार्टी की स्थिति मजबूत होने और कई राज्यों में सत्ता परिवर्तन के बाद नेतृत्व परिवर्तन को स्वाभाविक माना जा रहा है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि नया अध्यक्ष भाजपा के संगठनात्मक ढांचे में अगली पंक्ति के नेतृत्व को आकार देगा और 2026 के विधानसभाई चुनावों की रणनीतिक तैयारी का नेतृत्व भी करेगा।

फिलहाल भाजपा में नए अध्यक्ष को लेकर संशय कायम है। सभी की निगाहें पार्टी हाईकमान पर टिकी हैं, और दिल्ली से लेकर राज्यों के राजनीतिक गलियारों में बस एक ही सवाल गूंज रहा है—"भाजपा का अगला कप्तान कौन?" इसका जवाब आने वाले दिनों में मिल सकता है, लेकिन आज की हलचल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि घोषणा अब बहुत दूर नहीं है।

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