टैरिफ मेरा फेवरेट...ट्रंप का देश के नाम संबोधन, 10 महीने में आठ युद्ध रोकने का दावा

ट्रंप ने 2026 के एजेंडे को लेकर कहा कि उन्होंने अमेरिका की ताकत को फिर से मजबूत किया है।;

Update: 2025-12-18 07:25 GMT

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने कहा कि उनके फैसले और नीति के कारण दुनिया में कई बड़े टकराव पर रोक लगी है। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने बहुत कम वक्त में आठ युद्धों को खत्म कराया और इसके पीछे उनकी सबसे बड़ी ताकत टैरिफ वाली नीति थी।

टैरिफ से वैश्विक स्तर पर बना दबाव

बता दें कि ट्रंप ने कहा कि टैरिफ अमेरिका की आर्थिक शक्ति के साथ ही इस नीति को वैश्विक स्तर पर दबाव बनाने में भी कारगर साबित हुई। उन्होंने यह भी कहा कि टैरिफ शब्द उन्हें सबसे अधिक पसंद है और यही उनकी राजनीति की पहचान बन गई है।

2026 के एजेंडे पर चर्चा की

ट्रंप ने 2026 के एजेंडे को लेकर कहा कि उन्होंने अमेरिका की ताकत को फिर से मजबूत किया है। उनके मुताबिक, ईरान से जुड़े परमाणु खतरे को खत्म किया गया, गाजा में चल रहा संघर्ष रोका गया और लंबे समय बाद वहां शांति का माहौल बना। ट्रंप ने यह भी कहा कि इस दौरान बंधकों की रिहाई सुनिश्चित की गई। उनके इन दावों के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर बहस शुरू हो गई है, क्योंकि कई विशेषज्ञ इन बयानों को अपनी तारीफ करन बता रहे हैं।

टैरिफ से कमाई का जरिया

ट्रंप ने कहा कि टैरिफ के कारण अमेरिका को उम्मीद से कहीं अधिक राजस्व मिला और इससे अर्थव्यवस्था को फायदा हुआ। उनके मुताबिक टैरिफ नीति ने देश को आर्थिक रूप से मजबूत किया है। उन्होंने यह भी कहा कि रिपब्लिकन पार्टी की ओर से पास किए गए टैक्स कटौती से जुड़े कानूनों से अमेरिकी नागरिकों और कारोबारियों को राहत मिली है।

इन देशों पर लगाया गया टैरिफ

ट्रंप प्रशासन के दौरान कनाडा, मैक्सिको, ब्राजील और भारत समेत कई देशों पर टैरिफ लगाए गए। ट्रंप के मुताबिक, इन फैसलों से अमेरिकी उद्योगों को संरक्षण मिला और रोजगार के अवसर बढ़े हैं। वहीं आलोचकों का कहना है कि कि इन नीतियों से वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ा और आम लोगों पर महंगाई का बोझ पड़ा।

गौरतलब है कि इन दावों के बीच ट्रंप की लोकप्रियता को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं। हालिया सर्वे में यह सामने आया है कि अमेरिका के बहुत कम लोग उनके आर्थिक प्रबंधन से खुश हैं। लेकिन ट्रंप ने इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की।

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