अमेरिका के H-1B वीजा पर UK का मास्टरप्लान! 'टॉप ग्लोबल टैलेंट' के लिए फीस हटाने की तैयारी, IT सेक्टर के लिए सुनहरा अवसर

Infosys और TCS जैसी भारतीय IT दिग्गजों को ब्रिटेन में टैलेंट डिप्लॉयमेंट और बिजनेस विस्तार में बड़ी राहत मिल सकती है;

By :  Aryan
Update: 2025-09-22 11:31 GMT

नई दिल्ली। H-1B वीजा पर लगाई गई फीस ने भारतीय IT कंपनियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जहां अमेरिका ने H-1B वीजा पर डॉलर 1 लाख की भारी फीस लागू की है, वहीं ब्रिटेन इससे उल्टा कदम उठाने की तैयारी में है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की सरकार विदेशी टॉप ग्लोबल टैलेंट के लिए वीजा फीस खत्म करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इस कदम से Infosys और TCS जैसी भारतीय IT दिग्गजों को ब्रिटेन में टैलेंट डिप्लॉयमेंट और बिजनेस विस्तार में बड़ी राहत मिल सकती है।

ब्रिटेन की रणनीति

बता दें ब्रिटेन अपनी नई रणनीति के तहत प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की सरकार विदेशी टॉप ग्लोबल टैलेंट के लिए वीजा फीस पूरी तरह खत्म करने पर विचार कर रही है। इसके तहत दुनिया की टॉप 5 यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट्स और नोबेल जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार विजेताओं को सीधे फास्ट-ट्रैक वीजा मिल सकता है।

सरकार की ग्लोबल टैलेंट टास्क फोर्स की दिशा में कार्यरत है। इस प्रस्ताव मकसद ब्रिटेन को ग्लोबल इनोवेशन हब बनाना है, वहां की आर्थिक ग्रोथ को तेज करना है।

Infosys और TCS पर खास फोकस

भारतीय IT कंपनियों का UK बिजनेस तेजी से बढ़ रहा है। Infosys और TCS के पास पहले से ही UK में मजबूत क्लाइंट बेस है। टैलेंट मोबिलिटी आसान होने से कंपनियां कम लागत पर स्किल्ड स्टाफ तैनात कर पाएगी। इससे अमेरिका पर निर्भरता घटेगी और ब्रिटेन एक बड़े ऑफशोरिंग सेंटर के रूप में उभर सकेगा।

IT सेक्टर के लिए राहत की खबर

IT सेक्टर Infosys, TCS, HCL Tech और Wipro जैसी कंपनियों के लिए यह राहत की खबर है। स्टार्टअप्स और इनोवेशन भारतीय टेक स्टार्टअप्स भी ब्रिटेन को ग्लोबल ऑपरेशन के लिए बेस बना सकते हैं। बता दें कि जहां अमेरिकी नीति भारतीय IT सेक्टर के लिए चुनौतीपूर्ण हो गई है, वहीं UK का यह प्रस्ताव भारतीय कंपनियों के लिए बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकता है।


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