यूपी एसटीएफ और औषधि विभाग ने नकली दवाएं की जब्त… रिश्वत देने वाला कारोबारी हुआ गिरफ्तार

Update: 2025-08-24 11:03 GMT

आगरा। आगरा शहर के कई मेडिकल फर्म और उनके गोदामों पर यूपी एसटीएफ और औषधि विभाग ने छापेमारी की है। इस दौरान कई ब्रांडेड कंपनियों के रैपर में नकली दवाएं पाई गई। छापेमारी टीम ने करीब 3 करोड़ रुपए की नकली दवाइयों को सीज किया है।

गोदामों को सील किया गया

कई गोदामों को सील कर दिया गया है। इस कार्रवाई के दौरान नकली दवा सिंडिकेट के कारोबारी ने एसटीएफ इंस्पेक्टर को 1 करोड़ रुपए रिश्वत देने की पेशकश भी की थी। टीम ने कारोबारी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया तथा पैसों के साथ गिरफ्तार कर लिया है।।

मल्टीनेशनल कंपनी में नकली दवाई का कारोबार

जानकारी के मुताबिक, लखनऊ एसटीएफ मुख्यालय को आगरा थोक दवा बाजार में मल्टीनेशनल कंपनी जायडस, ग्लेनमार्क, सनफार्मा, सनोफी सहित आधा दर्जन ब्रांडेड कंपनियों के नाम से नकली दवाइयां बेचने की शिकायत मिली थी। करीब दो महीने से एसटीएफ तथा औषधि विभाग की टीम मिलकर इस नेटवर्क को खंगाल रही थीं। छानबीन के दौरान टीम को नकली दवाओं के कारोबार के बारे में अहम सुराग मिले।

फर्म के संचालक हिमांशु अग्रवाल के घर पर जांच की गई

फर्म के संचालक कमलानगर निवासी हिमांशु अग्रवाल के यहां जांच की गई। कार्रवाई से घबराए हुए कारोबारी हिमांशु अग्रवाल ने जांच को रोकने के लिए 1 करोड़ रुपए रिश्वत की पेशकश कर दी, लेकिन टीम ने कार्रवाई जारी रखी।

मात्र 4 घंटे में 1 करोड़ का रिश्वत का इंतजाम

कारोबारी ने मात्र 4 घंटे में 1 करोड़ का रिश्वत का इंतजाम कर लिया। उसके बाद उसने एसटीएफ इंस्पेक्टर

पेशकश की। एसटीएफ इंस्पेक्टर ने तुरंत मुख्यालय को जानकारी दे दी। इसके बाद कारोबारी से रुपए लाने के लिए कहा गया। फिर हिमांशु अग्रवाल को रंगे हाथ दबोच लिया गया। टीम ने कैश के साथ उसे गिरफ्तार किया है। कोतवाली थाने पर नोटों की गिनती की गई।

एसटीएफ के एडिशनल एसपी राकेश कुमार यादव ने कहा

एसटीएफ के एडिशनल एसपी राकेश कुमार यादव ने कहा कि दवा कारोबारी हिमांशु ने इंस्पेक्टर यतींद्र से व्हाटएसएप पर बात की थी, उसने एक करोड़ रुपए रिश्वत देने की पेशकश की लेकिन इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा का ईमान नहीं हिल नहीं पाया। उसने इसकी जानकारी मुझे और एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश को दे दी थी।

उत्तराखंड, हिमाचल समेत अन्य राज्यों से नामचीन कंपनियों का पता चला है

उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश समेत अन्य राज्यों से भी नामचीन कंपनियों का पता चला है कि फैक्ट्री में ब्रांडेड दवा जैसी ही दवाएं बनवाई जाती हैं। उन पर क्यूआर कोड भी होता है, जिन्हें लेदर के बैग में रखकर ट्रेन से मंगवाया जाता है।

एसटीएफ एएसपी ने बताया

एसटीएफ एएसपी ने बताया कि हेमा मेडिको फर्म के कारोबारी हिमांशु अग्रवाल अपने चाचा बबलू के साथ दवाइयों का काम शुरू करता था। जबकि नकली दवा का नेटवर्क हिमांशु संभालता है।

सहायक औषधि आयुक्त अतुल उपाध्याय ने बताया

सहायक औषधि आयुक्त अतुल उपाध्याय ने बताया कि चेन्नई से एक करोड़ की नकली टैबलेट मंगाया गया है। आगरा में दवा माफिया ने सर्दी जुकाम और एलर्जी में इस्तेमाल होने वाली सनोफी कंपनी की ऐलेग्रा-120 टैबलेट की खेप चेन्नई से मंगाई थी।

Tags:    

Similar News