आशा और ममता कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर, चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने बढ़ाया मानदेय, जानें कितना

अब ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव पर भी 300 रुपये की जगह 600 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।;

Update: 2025-07-30 05:50 GMT

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। दरअसल सीएम ने आशा और ममता वर्कर्स की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की घोषणा की है। जिससे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को और गति मिलने की उम्मीद है। यह घोषणा मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से की है। अब आशा वर्कर्स को 1 हजार रुपये की जगह 3 हजार रुपये दिए जाएंगे। वहीं, ममता वर्कर्स को प्रति प्रसव (Per Delivery) 300 रुपए की जगह 600 रुपए दिए जाएंगे।

सीएम ने किया ऐलान

सीएम नीतीश कुमार ने वर्कर्स के लिए यह बड़ी घोषणा करते हुए अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, नवंबर 2005 में सरकार बनने के बाद से हम लोगों ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में आशा और ममता कार्यकर्ताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसे ध्यान में रखते हुए और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण में आशा एवं ममता कार्यकर्ताओं के अहम योगदान को सम्मान देते हुए उनकी मानदेय राशि में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया गया है। आशा कार्यकर्ताओं को अब 1 हजार रुपए की जगह 3 हजार रुपए और ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव 300 रुपए की जगह 600 रुपए की दिए जाएंगे। इससे उनका मनोबल और बढ़ेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं और मजबूत होंगी।

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी क्या बोले?

सम्राट चौधरी ने पोस्ट के जरिए कहा, "मुख्यमंत्री जी ने आशा कार्यकर्ताओं को अब 1000 की जगह 3000 प्रतिमाह और ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव 300 की जगह 600 की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है। यह आशा और ममता कार्यकर्ताओं के कठिन परिश्रम को सम्मान है। इससे उनका मनोबल बढ़ेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं और सशक्त होंगी।"

केंद्र सरकार से भी की मांग

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र सरकार से भी आशा कार्यकर्ताओं के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि में वृद्धि की मांग की है। इससे पहले 2023 में तेजस्वी यादव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर ध्यान देने का आग्रह किया था।

कौन होती है आशा कार्यकर्ता

बता दें कि आशा कार्यकर्ताएं ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ मानी जाती हैं। ये कार्यकर्ताएं मातृ स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, और परिवार नियोजन जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को गति देती हैं। उनकी मेहनत और समर्पण को देखते हुए यह वेतन वृद्धि एक महत्वपूर्ण कदम है।

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