दिल्ली सरकार रेबीज नियंत्रण को लेकर सजग, 10 लाख स्ट्रीट डॉग्स को लगाई जाएगी माइक्रोचिप

कपिल मिश्रा ने कहा कि दिल्ली पशु कल्याण की दिशा में पूरे देश में एक मिसाल बने।;

By :  Aryan
Update: 2025-09-11 08:16 GMT

नई दिल्ली। राजधानी में दिल्ली एनिमल वेलफेयर बोर्ड की बैठक हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए हैं। यह बैठक विकास मंत्री कपिल मिश्रा की अध्यक्षता में की गई। इस दौरान राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम पर चर्चा हुई। आगामी विश्व रेबीज दिवस को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने यह तय किया है कि दिल्ली में रेबीज नियंत्रण के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाए जाएंगे। इसके तहत डॉग्स को माइक्रोचिप लगाना, डॉग बाइट मामलों की रोकथाम और टीकाकरण प्रक्रिया का डिजिटलीकरण आदि कार्यों के प्रति जागरूकता फैलाई जाएगी।

मंत्री कपिल मिश्रा ने निर्देश दिया

मंत्री कपिल मिश्रा ने निर्देश दिया कि शीघ्र ही डॉग सेंसस और मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया जाए ताकि सटीक आंकड़े मिल सके और भविष्य के कार्यो की योजनाएं मजबूत हो सकें। मंत्री कपिल मिश्रा ने बैठक में कहा कि पिछली सरकार में कई सालों से एनिमल वेलफेयर बोर्ड की बैठक नहीं हुई थी। दिल्ली में पशुओं से संबंधित जो भी समस्याएं पैदा हो रही हैं उनका निदान जल्द ही होगा। इसके लिए बोर्ड को उचित फंड भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे पशुओं के कल्याण की दिशा में अतिशीघ्र से काम हो पाए। इसके आलावा प्रत्येक जिले में एक एनिमल वेलफेयर की कमेटी बनाई जाएगी।

विश्व रेबीज दिवस से पहले रेबीज नियंत्रण

कपिल मिश्रा ने कहा कि विश्व रेबीज दिवस से पहले रेबीज नियंत्रण से जुड़ा हुआ विस्तृत स्टेट एक्शन प्लान तैयार करके प्रस्तुत किया जाएगा। दिल्ली सरकार जल्द ही पेट शॉप्स के पंजीकरण की प्रक्रिया को अनिवार्य बनाएगी, इसके लिए अलग मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया जाएगा। सभी दुकानों को नियम के मुताबिक पंजीकरण कराना होगा।

सरकार करेगी आर्थिक मदद

कपिल मिश्रा ने यह भी कहा कि यदि किसी को आर्थिक मदद की आवश्यकता होगी तो दिल्ली सरकार इसे प्राथमिकता के तौर पर देखते हुए उपलब्ध कराएगी। हमारा उद्देश्य है कि दिल्ली पशु कल्याण की दिशा में पूरे देश में एक मिसाल बने। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि एक विस्तृत एडवाइजरी जल्द से जल्द तैयार की जाए, जिसमें पेट शॉप्स के पंजीकरण, रेबीज़ नियंत्रण, कुत्तों की माइक्रोचिपिंग, डॉग बाइट की रोकथाम और निगरानी समितियों की भूमिका पर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हों। इसके अलावा सोशल मीडिया की सक्रियता बढ़ाई जाए ताकि जागरूकता बढ़ाई जा सके।

कुत्तों में माइक्रोचिप लगाने के फायदे

ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से मालिक टैग और कॉलर जैसे पारंपरिक पहचान के तरीकों की बजाय माइक्रोचिपिंग का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसी आईडी जिसके साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। टैग और कॉलर के विपरीत, जिन्हें जानवर चुराते समय, इच्छानुसार हटाया जा सकता है, माइक्रोचिप्स त्वचा के नीचे डाली जाती हैं। इनका आकार लगभग चावल के दाने के बराबर होता है, जिससे चिप के सही स्थान का पता लगाना भी मुश्किल हो जाता है।

प्रशासनिक और वित्तीय मामलों पर चर्चा

बैठक में प्रशासनिक और वित्तीय मामलों पर भी चर्चा की गई। इसमें दिल्ली एडवाइजरी बोर्ड फॉर एनिमल वेलफेयर से दिल्ली एनिमल वेलफेयर बोर्ड को फंड ट्रांसफर करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके अलावा बोर्ड की गतिविधियों को सही ढ़ंग से चलाने के लिए स्टैंडिंग कमेटी और अन्य उप-समितियों के गठन, नए स्टाफ की भर्ती और बोर्ड के अन्य खर्चों को लेकर स्वीकृति दी गई।


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