79th Independence Day: CM नीतीश कुमार ने गांधी मैदान में फहराया झंडा, शहीदों को दी सलामी, जानें भाषण में क्या बोले?
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में 2005 की तुलना में हत्या, लूट, अपहरण और डकैती की घटनाओं में अब बहुत कमी आई है।;
पटना। पूरा देश आज अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस बड़े धूमधाम से मना रहा है। पटना के गांधी मैदान में भी स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया जा रहा है। यहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ध्वजारोहण किया और राज्य की जनता को संबोधित किया। सीएम ने कहा कि राज्य में 2005 की तुलना में हत्या, लूट, अपहरण और डकैती की घटनाओं में अब बहुत कमी आई है। अब डर-भय का वातावरण नहीं है।
'शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए चलाई गई योजना'
नीतीश कुमार ने कहा, "शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लड़के-लड़कियों के लिए पोशाक एवं साइकिल योजना चलाई गई। लड़कियों को 12वीं पास करने पर 25 हजार और ग्रेजुएट होने पर 50 हजार रुपये की राशि दी जा रही है। अब लड़कियां भी खूब पढ़ रही हैं। स्कूलों में लड़के-लड़कियों की संख्या बराबर हो रही है। अब सरकारी शिक्षकों की संख्या पांच लाख 12 हजार हो गई है।"
बिहार में विधि व्यवस्था कायम
अपने भाषण के दौरान सीएम नीतीश ने सबसे पहले स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी। जिसके बाद उन्होंने कहा कि अपराध में कमी होने, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार हुआ। बिहार में विधि व्यवस्था को लेकर बोले, राज्य में 2005 में सरकार बनने के बाद कानून व्यवस्था ठीक किया। 2005 के बाद से हत्या, लूट और अपहरण के मामले कम हुए हैं। लोग देर रात में भी बिना डर भय के आ-जा रहे हैं।
स्वास्थ्य व्यवस्था में भी सुधार
बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को लेकर भी नीतिश ने कहा कि पहले स्वास्थ्य व्यवस्था बहुत खराब थी, लेकिन 2005 के बाद हर तरह की व्यवस्था की। मुफ्त इलाज की व्यवस्था की. इसके साथ ही 7 जिलों में नए मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सड़क बनने से सबसे दूर जगह से भी 5 घंटा में ही पटना पहुंचा जा सकता है। हर घर बिजली और शौचालय की व्यवस्था की गई।
एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार दिया जायेगा
सीएम ने अपने भाषण में आगे कहा कि अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार दिया जायेगा। महिलाओं के लिए भी काम किया गया। उन्हें आरक्षण दिया गया। बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या इतनी है कि अन्य किसी राज्य में नहीं है। जीविका दीदियों की संख्या बढ़ी है। साथ ही मुस्लिम समुदाय के लिए बोले कि मदरसों को सरकारी मान्यता और उनके शिक्षकों को सरकारी शिक्षकों के बराबर मान्यता दी गई।