सुप्रीम कोर्ट ने 28 साल बाद सीधी भर्तियों और पदोन्नति में एससी-एसटी के लिए लागू किया आरक्षण, पदों के आधार पर मिलेगा अब रिजर्वेशन
आरक्षण की यह व्यवस्था रजिस्ट्रार, कोर्ट असिस्टेंट, कोर्ट अटेंडेंट,लाइब्रेरियन जैसे कोर्ट के कर्मचारियों और अधिकारियों के पदों के लिए है। यह जजों के लिए लागू नहीं है।;
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए एससी/एसटी आरक्षण के लिए रोस्टर प्रणाली लागू कर दी है। यानि की इसके बाद कोर्ट में पदों के हिसाब से आरक्षण मिल सकेगा। जोकि अभी तक कुल स्टाफ संख्या में आरक्षण मिल रहा था। बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से 2 जुलाई 1997 को जारी सर्क्युलर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने यहां 28 साल बाद लागू किया है।
कितने प्रतिशत पद होंगे आरक्षित
जानकारी के मुताबिक इस व्यवस्था के लागू होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में स्टाफ की सीधी भर्तियों और पदोन्नति में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए १५ और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 7.5 प्रतिशत पद आरक्षित होंगे। साथ ही यह व्यवस्था 23 जून 2025 से प्रभावी हो गई है। यहां यह साफ करना जरूरी है कि आरक्षण की यह व्यवस्था रजिस्ट्रार, कोर्ट असिस्टेंट, कोर्ट अटेंडेंट, लाइब्रेरियन जैसे कोर्ट के कर्मचारियों और अधिकारियों के पदों के लिए है। यह जजों के लिए लागू नहीं है।
28 साल हुआ लागू
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 28 साल में कई मौकों पर आरक्षण की रोस्टर प्रणाली को लेकर सुनवाई की और भी फैसले दिए, लेकिन इसे अब तक खुद अपने यहां लागू नहीं किया था। चीफ जस्टिस भूषण रामाकृष्ण गवई के कार्यकाल में यह बड़ा कदम उठाया गया है। 54 पन्नों की इस रोस्टर प्रणाली में यह विस्तार से बताया गया है कि नियुक्ति और प्रमोशन में आरक्षण व्यवस्था किस तरह लागू होगी।