लोकसभा में विपक्ष के हंगामों के बीच केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा- आपकी नाराजगी सरकार से हो सकती है, लेकिन अंतरिक्ष यात्री से क्यों...
डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि चांद पर मानव अमेरिका ने उतारा था। तब हम बच्चे थे और आज चांद पर पानी होने का साक्ष्य हमारा चंद्रयान लेकर आया है। भारत आज फॉलोवर नहीं रहा।;
नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के हंगामों के बीच भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के सफल अंतरिक्ष मिशन पर चर्चा शुरू हुई है। स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि ये 140 करोड़ भारतीयों के लिए गौरव का पल है। यह भारत के युवाओं के लिए प्रेरणा का विषय है। स्पीकर ने इस विषय पर व्यापक चर्चा-संवाद की अपील की और कहा कि सकारात्मक विचार भी व्यक्त करें।
विकसित भारत की यह यात्रा अनवरत जारी रहेगी
वहीं स्पीकर ने इस दौरान विकसित भारत 2047 का लक्ष्य प्राप्त करने में अपने महत्वपूर्ण विचार रखने की अपील की। इससे देश-दुनिया में यह संदेश जाएगा कि भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में कितनी प्रगति की है। यह गौरव का क्षण है। बता दें कि लोकसभा में सरकार की ओर से डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने शुभांशु शुक्ला के सफल अंतरिक्ष मिशन पर चर्चा की शुरुआत की है। डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने जब बोलना शुरू किया, विपक्षी सदस्य वेल में आकर जमकर हंगामा करने लगे। विपक्ष के हंगामे पर मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि आपकी नाराजगी सरकार से हो सकती है, बीजेपी से हो सकती है, लेकिन अंतरिक्ष यात्री से क्यों। शुभांशु शुक्ला भारतीय सेना का एक अनुशासित सिपाही भी है। उन्होंने विपक्ष से भी चर्चा में शामिल होने की अपील की और कहा कि विकसित भारत की यह यात्रा अनवरत जारी रहेगी। मोदी जी के संकल्प को कोई डिगा नहीं पाएगा।
हर मां चाहती है कि उनका बच्चा बड़ा होकर शुभांशु शुक्ला बने
हालांकि जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि हर मां चाहती है कि उनका बच्चा बड़ा होकर शुभांशु शुक्ला बने। डॉक्टर सिंह ने कहा कि एक समय आएगा, जब इतिहासकारों से यह प्रश्न पूछा जाएगा कि क्यों भारत का अंतरिक्ष विभाग 60-70 साल तक अलग-थलग पड़ा रहा। इसका उत्तर होगा कि 26 मई 2014 को जब नरेंद्र मोदी की सरकार आई, तब उसने इस पर ध्यान दिया। दूसरा प्रश्न ये भी पूछा जा सकता है कि ऐसा पहले भी हो सकता था। तो इसका जवाब होगा कि सपोर्ट सिस्टम का अभाव था, जिसकी पूर्ति मोदी जी के आने के बाद हुई। ये काम केवल यह सरकार कर सकती है। आज हमारी स्पेस इकोनॉमी 8 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई है और 45 मिलियन डॉलर तक पहुंच कर स्पेस की प्रमुख भूमिका होगी।
भारत आज फॉलोवर नहीं रहा
बता दें कि इस दौरान डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि चांद पर मानव अमेरिका ने उतारा था। तब हम बच्चे थे और आज चांद पर पानी होने का साक्ष्य हमारा चंद्रयान लेकर आया है। भारत आज फॉलोवर नहीं रहा। शुभांशु ने भी कई प्रयोग किए हैं। बहुत से लोग कहते हैं कि आप चांद पर जा रहे हैं, अंतरिक्ष में जा रहे हैं, इसका हमें क्या लाभ है। उन्होंने कहा कि गतिशक्ति जैसे पोर्टल हमारे इंफ्रा क्षेत्र में मॉडल बन चुके हैं। डॉक्टर सिंह ने इंफ्रा से डिफेंस तक, स्पेस टेक्नोलॉजी के उपयोग भी गिनाए।